पत्नी गुलशन जिला पंचायत अध्यक्ष बनी आप को बता दें कि Ex विधायक वारिश अली अल्पसंख्यक वर्ग के कद्दावर नेता के साथ ही नानपारा क्षेत्र की आवाम के लिये एक जमीनी नेता थे। राजनीति की दुनियां में क़दम रखने से पहले वारिस अली मिहींपुरवा कस्बे में रहते थे। जहाँ पर अपनी जीविका चलाने के लिये उन्होंने टेंट की दुकान खोली और मजदूरों के साथ पल्लेदारी तक कि है।यही नहीं राजनीति में आने से पूर्व मीडिया के क्षेत्र में संवादसूत्र की भूमिका भी अदा कर चुके हैं। वर्ष 2003 में पूर्व विधायक पल्लेदार यूनियन के नेता चुने गए। इलाके की जन समस्याओं के मामलों के निपटारे के लिये बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी अदा करने के कारण वारिश अली की नानपारा क्षेत्र में अलग पहचान बनने लगी। जिसका नतीजा ये रहा कि वर्ष 2000 में पूर्व विधायक की पत्नी गुलशन जिला पंचायत अध्यक्ष बनी और वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट से चुनाव लड़कर पूर्व विधायक वारिस अली भारी बहुमत के साथ नानपारा सीट से MLA बने। लेकिन परिसीमन होने के कारण बलहा विधानसभा का गठन हुआ। वर्ष 2012 में चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले BSP से किनारा कसकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान पूर्व MLA वारिस अली सपा और कांग्रेस के गठबंधन में नानपारा विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन BJP उम्मीदवार के आगे चुनाव हार गए। जिनका 8 जुलाई की सुबह घर के अंदर बने तालाब में डूबकर मौत हो गयी।