चौमूं.
शहर में संचालित कृषि उपज मंडी जयपुर जिले की ही नहीं, बल्कि प्रदेशभर की बड़ी मंडियों में शामिल है। जयपुर के अलावा विभिन्न जिलों के किसान अपनी जिंस खासकर मूंगलफली और जौ बेचने आते है। मंडी समिति को हर साल कई करोड़ रुपए का राजस्व भी अर्जित होता है, लेकिन फिर भी किसानों को जिंस तुलाई के लिए भटकने के सिवा कोई विकल्प नहीं है। हालांकि मंडी में सालों पहले धर्मकांटा तैयार किया गया था। इसमें लाखों रुपए भी खर्च किए गए थे। ताकि किसानों एवं व्यापारियों को जिंस तुलाई के लिए निजी कांटों पर भटकना नहीं पड़े, लेकिन मंडी समिति की अनदेखी से सालों से धर्मकांटा बंद पड़ा है। स्थिति यह है कि धर्मकांटे का भवन जर्जर हो चुका है तो उपकरण भी खराब हो गए है।
जानकारी के अनुसार मंडी में कृषि जिंसों की बढ़ती आवक को देखते हुए सालों पहले जिंसों की तुलाई के लिए लाखों रुपए खर्च कर मंडी परिसर में कांटा लगाया गया था। ताकि किसानों को अनाज का वजन तौलने में कोई मुश्किल न हो और साथ में राजस्व भी बढ़े। नवीन कृषि उपज मंडी के पूर्व अध्यक्ष महेश जिंदल ने बताया कि निर्माण के कुछ सालों तक तो धर्मकांटा चला, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही बंद कर दिया गया। यहां तक की कोई ठेकेदार इसे लेने के लिए भी तैयार नहीं हुआ। काफी समय बंद पड़े रहने की वजह से धर्मकांटा में लगे उपकरण खराब हो गए है। (कासं.)
भवन के दरवाजे पर लटका ताला
वर्तमान में स्थिति यह है कि भवन के दरवाजे के ताला लटका हुआ है तो दरवाजे जर्जर अवस्था में पहुंच गए है। तुलाई के स्थान पर सीसी सडक़ का निर्माण भी कर दिया गया है। इस कांटे के बंद रहने से मोरीजा रोड सहित अन्य स्थानों पर निजी धर्मकांटा पर दिनभर तौल करवाने के लिए वाहनों की कतार लगी रहती है।
बहारी जिलों से होती कृषि जिंसों की आवक
जयपुर, सीकर, झुंझुंनू सहित कई जिलों से किसान कृषि जिंस बेचने आते है। यहां चौमूं उपखंड के अलावा आमेर व शाहपुरा इलाके के किसान भी मंडी से सीधे जुड़े हुए है। मंडी में करीब 111 दुकानें हैं। लेकिन मंडी में लगे कांटे के बंद रहने से किसानों को परेशानी हो रही है। मंडी प्रशासन की इ‘छा शक्ति कमजोर रहने से कांटा चालू नहीं हो पा रहा है।
मूंगफली एवं जौ की होती बंपर आवक
व्यापारियों ने बताया कि हर साल मंडी में सीजन पर हर दिन 25 हजार मूंगफली और 15 से 20 हजार क्विंटल जौ की बंपर आवक रहती है। हर सीजन में तुलाई को लेकर किसानों को और व्यापारियों के मुश्किलें बढ जाती है। सीजन के दौरान व्यापारी धर्मकांटे को चालू करवाने की मांग भी करते है, लेकिन अभी तक चालू नहीं हो पाया है। मंडी में लगे धर्मकांटे को जिंसों की तुलाई के लिए वापस से चालू किया जाए तो मंडी प्रशासन को जहां राजस्व मिले। वहीं किसान एवं व्यापारियों को भी परेशानी से निजात मिलेगी।
इनका कहना है—
मोरीजा रोड की तरफ गेट पर नया धर्मकांटा लगाए जाने का विचार किया जा रहा है। जल्द ही किसानों एवं व्यापारियों को समस्या से राहत दिलाई जाएगी। हालांकि पूर्व में बना धर्मकांटा मंडी परिसर के बीच में था। इससे आवागमन में परेशानी आती है।
——-चुन्नीलाल स्वामी, सचिव, कृषि उपज मंडी चौमूं।