यूं निखरा रेलवे स्टेशन
स्टेशन के पुराने भवन को ही नया रूप देने के लिए रेलवे ने स्टेशन के मुख्य भवन की मरम्मत व नवीनीकरण करवाकर रंग रोगन करवाकर इस पर प्राकृतिक छटा व पक्षियों आदि की बड़ी पेंटिंग बनवाकर मनभावन बना दिया। ऐसी पेंटिंग्स ग्रामीण रेल स्टेशनों पर कम ही दिखाई देती है। स्टेशन के प्रतीक्षालय में आरामदायक कुर्सियों के साथ राजस्थानी संस्कृति से जुड़ी पेंटिंग भी दीवारों पर बनाई गई है, जिसे देखकर हर किसी का दिल बाग-बाग हो जाता है।
आंखों में बसती रेल वाटिका
स्टेशन के पास ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पेनोरमा से सटी जमीन पर रेल वाटिका के नाम से एक गार्डन विकसित किया गया है। गार्डन में रंग-बिरंगे फूल, मखमली घास, बैठने के लिए कुर्सियां, फूलों से सजे छोटे सर्कल रंग बिरंगी लाइटें देखते ही बनती है। वहीं स्टेशन के स्टॉफ क्वाटर्स के सामने ही बड़े भूभाग पर चिल्ड्रन्स पार्क बनाया गया है। जहां हरी भरी घास, झूले आदि लगाए गए है वहीं रेलवे की पुरानी लकडिय़ों की ट्रेकनुमा रास्ता लोगों को आर्कषित कर रहा है।
स्टेशन के पास ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पेनोरमा से सटी जमीन पर रेल वाटिका के नाम से एक गार्डन विकसित किया गया है। गार्डन में रंग-बिरंगे फूल, मखमली घास, बैठने के लिए कुर्सियां, फूलों से सजे छोटे सर्कल रंग बिरंगी लाइटें देखते ही बनती है। वहीं स्टेशन के स्टॉफ क्वाटर्स के सामने ही बड़े भूभाग पर चिल्ड्रन्स पार्क बनाया गया है। जहां हरी भरी घास, झूले आदि लगाए गए है वहीं रेलवे की पुरानी लकडिय़ों की ट्रेकनुमा रास्ता लोगों को आर्कषित कर रहा है।
व्यवस्थित पार्किंग
रेलवे स्टेशन के दूसरी तरफ वाहनों का पार्किंग स्थल बनाया गया है। जिसके चारो ओर फुलवारी यहां आने वालों का स्वागत करती है। यहां चौपहिया, दोपहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए संकेतक बोर्ड लगाए गए हैं।
रेलवे स्टेशन के दूसरी तरफ वाहनों का पार्किंग स्थल बनाया गया है। जिसके चारो ओर फुलवारी यहां आने वालों का स्वागत करती है। यहां चौपहिया, दोपहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए संकेतक बोर्ड लगाए गए हैं।
अग्निशमन यंत्र व सफाई पर विशेष ध्यान
आधुनिक बने धानक्या रेलवे स्टेशन पर कचरे का एक टुकड़ा भी नहीं दिखता। यहां सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है। जगह-जगह कचरा पात्र रखवाए गए हैं। वहीं आग पर काबू पाने के लिए कई जगह अग्निशमन यंत्र लगाए गए है। राष्ट्रीय स्मारक स्थल के भ्रमण के लिए देशभर से आने वाले लोगों के साथ ही क्षेत्र के लोग भी स्टेशन व रेल वाटिका यादें ले जाते हैं।
आधुनिक बने धानक्या रेलवे स्टेशन पर कचरे का एक टुकड़ा भी नहीं दिखता। यहां सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है। जगह-जगह कचरा पात्र रखवाए गए हैं। वहीं आग पर काबू पाने के लिए कई जगह अग्निशमन यंत्र लगाए गए है। राष्ट्रीय स्मारक स्थल के भ्रमण के लिए देशभर से आने वाले लोगों के साथ ही क्षेत्र के लोग भी स्टेशन व रेल वाटिका यादें ले जाते हैं।
ब्रिज की पेंटिंग लगती है कालीन
धानक्या रेलवे स्टेशन पर दूसरी ओर जाने के लिए बने ओवर ब्रिज के फर्श पर रंग बिरंगी पेंटिंग दूर से ऐसी लगती है मानो फर्श पर कारपेट बिछा हो। ब्रिज को भी यात्रियों व यहां आने वालों के लिए नया लुक दिया गया है। वहीं प्लेटफॉर्म व ट्रेक को विशेष लुक दिया गया है। पटरियों को भी रंग दिया गया है जो दूर से ही लोगों को लुभाती है।
धानक्या रेलवे स्टेशन पर दूसरी ओर जाने के लिए बने ओवर ब्रिज के फर्श पर रंग बिरंगी पेंटिंग दूर से ऐसी लगती है मानो फर्श पर कारपेट बिछा हो। ब्रिज को भी यात्रियों व यहां आने वालों के लिए नया लुक दिया गया है। वहीं प्लेटफॉर्म व ट्रेक को विशेष लुक दिया गया है। पटरियों को भी रंग दिया गया है जो दूर से ही लोगों को लुभाती है।
स्टॉफ के लिए आधुनिक क्वार्टर्स
यहां स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए परिवार सहित रहने के लिए आधुनिक सुविधायुक्त फ्लेटनुमा क्वार्टर्स बनाए गए हैं, इनमें रेल कर्मचारी रहने भी लगे हैं। वहीं बिजली के साथ सौर उर्जा को भी काम लिया जा रहा है।
यहां स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए परिवार सहित रहने के लिए आधुनिक सुविधायुक्त फ्लेटनुमा क्वार्टर्स बनाए गए हैं, इनमें रेल कर्मचारी रहने भी लगे हैं। वहीं बिजली के साथ सौर उर्जा को भी काम लिया जा रहा है।
इन ट्रेनों का होता ठहराव
धानक्या रेलवे स्टेशन पर पहले कुछ ही ट्रेनों का ठहराव होता था, लेकिन राष्ट्रीय स्मारक स्थल बनने के बाद यहां कई ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया गया। वर्तमान में यहां डेमू सहित जयपुर-सूरतगढ़, फुलेरा-जयपुर, अजमेर-जयपुर, भोपाल-जोधपुर, वाराणसी-जोधपुर, जोधपुर-वाराणसी, जोधपुर-भोपाल, जयपुर-फुलेरा, सूरतगढ़-जयपुर, अहमदाबाद-जयपुर ट्रेन का ठहराव होता है, जिसमें साधारण व एक्सप्रेस ट्रेन भी शामिल हंै।
धानक्या रेलवे स्टेशन पर पहले कुछ ही ट्रेनों का ठहराव होता था, लेकिन राष्ट्रीय स्मारक स्थल बनने के बाद यहां कई ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया गया। वर्तमान में यहां डेमू सहित जयपुर-सूरतगढ़, फुलेरा-जयपुर, अजमेर-जयपुर, भोपाल-जोधपुर, वाराणसी-जोधपुर, जोधपुर-वाराणसी, जोधपुर-भोपाल, जयपुर-फुलेरा, सूरतगढ़-जयपुर, अहमदाबाद-जयपुर ट्रेन का ठहराव होता है, जिसमें साधारण व एक्सप्रेस ट्रेन भी शामिल हंै।