यह 2009 में जिला पार्षद के अलावा चिमनपुरा ग्राम पंचायत की सरपंच रह चुकी है। इस गिरोह की महिलाएं मेलों व अन्य भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर महिलाओं के गले से सोने की चैन पार करने में माहिर है। यहीं नहीं चोरी को छिपाने के लिए गैंग की महिलाएं सोने की चैन को पेट में निगल जाती है।
गिरोह की सरगना मेले व क्षेत्र के अनुसार पोशाक बदल लेती है, जहां जैसी पोशाक का चलन होता है महिलाएं उसी तरह की पोशाक पहनकर मेले में घूमती है। मंशा माता मेले में भी सरगना ने उसी क्षेत्र की पोशाक पहन रखी थी।
राजगढ थाना प्रभारी शिव कुमार भारद्वाज ने बताया कि 13 अप्रेल को ग्राम खण्डेला थाना मालाखेड़ा निवासी महिला लालदेवी मीना ने रिपोर्ट दी थी कि वह फिरोजपुर में मंशा माता मेले में गई थी। उसकी बहन व अन्य महिलाएं उसके साथ थी।
मेले में घूमने के दौरान एक महिला ने उसके गले से सोने की चेन व लाकेट काट लिया। उसने पीली लुगड़ी व हरे रंग का शर्ट पहन रखा है। इससे पहले पिस्ताबाई मीना निवासी भैसीना जिला भरतपुर ने भी मेले में सोने का मंगल सूत्र चोरी होने की शिकायत की थी।
सीसीटीवी कैमरे से सरगना की पहचान
थाना प्रभारी ने बताया कि मेले में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने पर एक कैमरे में महिला की करतूत कैद हो गई। इस पर महिला सरगना को उसके बताए गए हुलिए के आधार पर पकड़ कर उसे थाने लेकर आए और तलाशी में सोने का लॉकेट बरामद हुआ।
सरगना ने पहले तो अपने को झुंझुनूं की सैन जाति की बाद में बहरोड़ की निवासी होना बताया। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम सावित्री उर्फ सुमित्रा बावरिया (55) निवासी गोलिया की ढाणी पूरणनगर थाना कोटपूतली होना बताया।
थाना प्रभारी ने बताया कि गिरोह की सरगना के खिलाफ खाटू श्याम, शाहजहांपुर थाने में चोरी के अलावा कोटपूतली के थाने में मामले दर्ज हो चुके हैं। मेले में चेारी की वारदात में इसकी साथ रही तीन अन्य महिलाओं की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।