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पश्चिम उत्तर प्रदेश के मंडल महासचिव ओमवीर ढाका का कहना है कि जो चार सीट की बात आ रही है, वह केवल अफवाह है। राजस्थान में कांग्रेस को हमारा समर्थन है। काग्रेंस सरकार में हमारे कई मंत्री हैं। यूपी में अभी तक कोई फैसला सीटों को लेकर नहीं लिया गया है। अभी केवल आैपचारिक बात ही चल रही है। सीटों की जब बात होगी तो सभी को सूचना दी जाएगी। केवल चार सीटों पर समझौता करना रालोद के ऐजेंडे में नहीं है। जल्द ही रालोद के फैसले से सभी को अवगत कराया जाएगा। इतना जरूर है कि पार्टी गठबंधन से चुनाव जरूर लड़ेगी। यह भी पढ़ें
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वहीं 2014 में बागपत में चौधरी अजित सिंह के चुनाव की बागडौर संभालने वाले व पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण तोमर का कहना है कि चार सीटों के समझौते को लेकर अभी तक जो भी चर्चा हैं, सभी अफवाह हैं। अंतिम फैसला चौधरी साहब ही लेंगे। उनका जो भी फैसला होगा सभी को मान्य होगा। पार्टी सम्मान के साथ 2019 के चुनाव में उतरेगी। वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष अमित चौधरी का कहना है कि जाटलैंड में हम आज भी मजबूत स्थिति में हैं। एक समय था जब मोदी लहर में सब बह निकले थे, लेकिन आज मोदी के झूठे वादों की पोल खुल चुकी है। पार्टी सम्मान के साथ 2019 के चुनाव को लड़ेगी और रालोद को कम आंकने वालों को मुहतोड़ जवाब भी दिया जाएगा।
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पार्टी नेताओं की बात की जाए तो चौधरी अजित सिंह का फैसला ही उनके लिए सर्वोपरी है, लेकिन सपा से राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष चौधरी राकेश टिकैट भी कहीं न कहीं अपनी साख बनाने के लिए जाटलैंड में चौधरी अजित सिंह के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। किसान आंदोलन से वह पहले ही अपनी ताकत का अहसास करा चुके हैं। भले ही किसान आंदोलन को कई राजनीतिक दलों का समर्थन रहा हो, लेकिन हर कोई चाहता है कि वह राजनीति का खिलाड़ी बने। चौधरी राकेश टिकैत भी आज के समय राजनीति में उतरने के पूरे मूड में हैं, जो रालोद के लिए खतरे की घंटी भी बन सकते हैं। यह भी पढ़ें