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आरएलडी के खाते में गठबंधन ने बागपत, मुजफ्फरनगर और मथुरा की सीटें दी हैं। इसके अलावा गठबंधन की ओर से 37 सीटें समाजवादी पार्टी और 38 सीटें बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई है। वहीं, गठबंधन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की सीट रायबरेली को भी छोड़ दिया है। यानी इन दोनों सीटों पर गठबंधन में शामिल दल अपना प्रत्याशी नहीं उतारेंगे। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि प्रियंका गांधी इस बार चुनाव लड़ेंगी या नहीं और लड़ेंगी तो कहा से। लिहाजा, इस पर गठबंधन की ओर से भी कोई राहत की बात सामने नहीं आई है।
रालोद को कांग्रेस अपने पाले में लाकर पश्चिमी यूपी में टक्कर देने का मंसूबा बना रही थी, लेकिन अजित सिंह ने फिलहाल इस पर कांग्रेस को झटका दे दिया है। यानी पश्चिमी यूपी में कांग्रेस अब वह दम-खम नहीं दिखा पाएगी जो अजित सिंह के साथ मिलने से दिखाने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। ऐसे में कांग्रेस को यूपी में अब सिर्फ प्रियंका का ही कहारा बचा है। अब देखना यह होगा कि गठबंधन के सहयोगियों की ओर से नकारे जाने के बाद कांग्रेस प्रियंका के बलबूते क्या कर पाती है।