नागपुर पुलिस आयुक्त के रूप में इन्होंने मिशन मृत्युंजय की शुरुआत की थी। जिसका उद्देश्य कॉलेज की छात्रों को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में शामिल करना था। इसमें छात्र संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पुलिस तक पहुंचाने थे ।
2014 में डॉ सिंह ने पुलिस आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया। 1 फरवरी 2014 को इकोनॉमिक्स टाइम्स के साक्षात्कार में उन्होंने इस्तीफा का कारण बताते कहा, “मेरी आंतरिक आवाज़ मुझसे कह रही है कि यह पेशा बदलने का समय है। एक पुलिस अधिकारी के रूप में, मैंने कई वर्षों तक मुंबई और महाराष्ट्र के लोगों के लिए काम किया है, लेकिन अब एक नई ऊर्जा के साथ पूरे देश के लिए काम करने का समय आ गया है।”
2014 के आम चुनाव में भाजपा ने डॉ सिंह को चौधरी चरण सिंह के परिवार का गढ़ माने जाने वाले बागपत सीट से उतारा जिसमें इन्होंने 4,23,475 वोटों से बंपर जीत हासिल की। 2019 में भी इन्होंने इस सीट पर अपनी पकड़ कायम रखी । आज हम आपके सामने लेकर आए हैं इसी पूर्व पुलिस आयुक्त वर्तमान सांसद डॉ सत्यपाल सिंह के पिछले 5 सालों का रिपोर्ट कार्ड।
97% उपस्थिति दर्ज कराकर राष्ट्रीय और राज्य औसत को पीछे छोड़ा
कार्यकाल 2019 से 2024सदन में उपस्थिति 97%
राष्ट्रीय औसत के आंकड़े से 18% आगे
राज्य औसत आंकड़े से 14 % आगे
सदन में सांसदों की राष्ट्रीय उपस्थित का औसत 79%,
उत्तर प्रदेश के सांसदों की उपस्थिति का औसत 83%
आवंटित बजट से 2.97 कम किया खर्च
संसदीय क्षेत्र के लिए प्रस्तावित बजट 17 करोड़7 करोड़ बजट आवंटित हुआ।
मौजूदा सांसद ने 4.3 करोड़ रुपये खर्च किए।
2.97 लाख खर्च होना अभी बाकी है।
50 डिबेट में भाग लेकर सदन के प्रति अपनी सक्रिय भूमिका निभाई
कार्यकाल 2019 से 2024 तक50 डिबेट में भागीदारी
सदन के डिबेट में राष्ट्रीय उपस्थित का औसत 46.
उत्तर प्रदेश सांसदों की उपस्थिति का औसत 62.1
डॉ सिंह ने 5 साल में 18 प्रश्न पूछे
समय काल जुलाई 2021 से फरवरी 2023सदन में कुल 18 प्रश्न पूछे ।
15 आंतरिक और 13 तारीख प्रश्न शामिल ।
सदन में प्रश्न पूछने का राष्ट्रीय औसत 210
उत्तर प्रदेश के सांसदों का औसत 151
डॉ सिंह ने किया 2 निजी सदस्य विधेयक पेश
कार्यकाल 2019 से 20242019 के शीतकालीन सत्र में दो प्राइवेट मेंबर विधेयक पेश किए
जो अभी तक लंबित है।
क्रमशः
शैक्षणिक संस्थानों में वैदिक शिक्षा की अनिवार्य शिक्षा विधेयक, 2019
संविधान (संशोधन) विधेयक, 2019 (अनुच्छेद 15 का संशोधन, आदि)
निजी सदस्य विधेयक पेश करने का राष्ट्रीय औसत 1.5 ,
उत्तर प्रदेश के सांसदों का औसत 1.3 है। (इस खबर के शोध कार्य में रागिनी राय ने मदद की है। वह पत्रिका डिजिटल के साथ इंटर्नशिप कर रही हैं।)
उत्तर प्रदेश के सांसदों का औसत 1.3 है। (इस खबर के शोध कार्य में रागिनी राय ने मदद की है। वह पत्रिका डिजिटल के साथ इंटर्नशिप कर रही हैं।)