बागपत

BAGHPAT: 1500 साल पुराना चेहरा मिला, देखकर लोग रह गए हैरान

Highlights
. बड़का गांव में प्राचीन सभ्यता के मिले अवशेष . बागपत के सिनौली गांव में पहले भी प्राप्त हो चुके है महाभारत कालीन अवशेष. 1857 क्रांति के नायक बाबा शाहमल के शहादत स्थल के पास मिले हैं गुप्तकालीन अवशेष

बागपतMar 14, 2020 / 10:57 am

virendra sharma

बागपत। बड़ौत के बड़का गांव में प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं। बाबा शाहमल के शहादत स्थल के निकटवर्ती खेतों का सर्वेक्षण करने के दौरान किसान विक्की त्यागी के खेत की ऊपरी सतह से ही गुप्तकालीन मृण मूर्ति का चेहरा प्राप्त हुआ है। क्यास लगाए जा रहे है कि ये मृण मूर्ति गुप्तकाल की है। करीब 15 वर्षों से शहजाद राय शोध संस्थान द्वारा संपूर्ण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थलों का पुरातात्विक अन्वेषण सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते शुक्रवार को बड़का गांव में 1857 क्रांति के नायक बाबा शाहमल के शहादत स्थल के निकटवर्ती खेतों का सर्वेक्षण करने के दौरान गुप्तकालीन अवशेष प्राप्त हुए है।
यह भी पढ़ें

काेराेना का डर : प्रियंका गांधी की सहारनपुर में हाेने वाली किसान रैली स्थगित

गुप्तकालीन मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े के अलावा ठप्पा भी प्राप्त हुआ है। जिससे प्राचीन समय के लोग बर्तनों को आकृति प्रदान करते थे। इस ठप्पे का इस्तेमाल आज भी कुम्हार मिट्टी के बर्तन और औजार बनाने में करते हैं। शहजाद राय शोध संस्थान के निदेशक इतिहासकार डॉ अमित राय जैन ने बताया कि तीन बार सर्वेक्षण के दौरान महाभारत कालीन चित्रित धूसर मृदभांड संस्कृति, कुषाण गुप्त, राजपूत काल के अवशेष प्राप्त हो चुके हैं। यह इस बात को सिद्ध करते हैं कि यह स्थान करीब 5000 वर्षों से लगातार मानव सभ्यता का केंद्र रहा है। विक्की त्यागी के खेत की ऊपरी सतह से प्राप्त हुए गुप्तकालीन अवशेष करीब 1500 वर्ष पुराने है। प्राचीन मिट्टी का ठप्पा व मृणमूर्ति का करीब 2 इंच लंबा चेहरा प्राप्त हुआ है। यह अत्यंत कलात्मक है।
डॉ अमित राय जैन ने बताया कि गुप्तकाल के दौरान सभ्यता के लोग अपने खेलने या अपने घरों को सजाने के लिए मृण मूर्तियों का निर्माण करते थे। जिनकी कला अत्यंत विकसित हो चुकी थी। उस समय के लोगों मृण मूर्तियों में पगड़ी के साथ-साथ मांसल चेहरा, आंखों की कलात्मकता पर विशेष जोर दिया गया है। जिसका एक उदाहरण बड़का से प्राप्त गुप्तकालीन मृणमूर्ति का चेहरा है। उनका कहना है कि शीघ्र ही यहां से प्राप्त अवशेषों की विस्तृत सूची बनाकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को भेजकर मांग की जाएगी कि यहां का भी सिनौली, चंदायन, बरनावा आदि स्थलों की तरह पुरातात्विक उत्खनन का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए। बता दें कि इससे पहले सिनौली गांव में महाभारत कालीन अवशेष प्राप्त हो चुके है।

Hindi News / Bagpat / BAGHPAT: 1500 साल पुराना चेहरा मिला, देखकर लोग रह गए हैरान

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.