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दरअसल, सावन माह की Shivratri देश-दुनिया में प्रसिद्व है और करोड़ों शिवभक्त इस दिन अपने आराध्य देव भगवान भोलेनाथ के दर्शन करते हैं। साथ ही मां गंगा के पावन जल से उनका जलाभिषेक कर अपने को तृप्त करते हैं। राजिस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से भी शिवभक्तों का जन सैलाब बागपत में दिखाई देता है। लाखों शिवभक्त बागपत के भगवान परशुरामेश्वर महादेव का गंगाजल से जलाभिषेक करते हैं और अपने गणतव्य को लौट जाते हैं। यह भी पढ़ें
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इस श्रावणी कांवड यात्रा की तैयारी यूपी और उत्तराखंड में एक माह पहले से ही शुरू हो जाती है। जिसमें बागपत जनपद प्रशासन भी एक माह पहले से ही तैयारियों में जुट जाता है। बागपत के पुरामहादेव गांव स्थित Pura Mahadev Mandir को भव्य सजाया जाता है। लेकिन इस बार सब फीका- फीका ही नजर आ रहा है। कोरोना का संकट कांवड यात्रा पर भी साफ दिखाई देने लगा है। 19 जुलाई को महाशिवरात्री का पावन पर्व है और इसकी तैयारी अभी तक दिखाई नहीं दी है। अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि प्रत्येक वर्ष जिस मंदिर पर तैयारियां चलती रहती हैं, उस परशुरामेश्वर महादेव मंदिर के कपाट तक नहीं खुले है। इस बाबत जानकारी देते हुए मंदिर के मुख्य पुजारी जयभगवान शर्मा का कहना है कि अभी कोई स्थिति साफ नहीं है। कांवड मेले को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है। मंदिर के कपाट तक अभी नहीं खोले गये हैं और न ही कोई तैयारी कांवड यात्रा को लेकर अभी तक मंदिर में चल रही है। वहीं जिलाप्रशासन ने भी अभी तक कांवड मेले और यात्रा को लेकर कोई बैठक अभी तक नहीं की है।