गिरफ्तार चोरों ने बताया कि श्मशान घाट से मुर्दों के कफन चोरी कर वह उन्हें प्रेस करके दोबारा बाजार में बेच देते थे। इस काम में श्मशान घाट के कर्मचारी उनकी मदद करते थे। उनके इस कृत्य से कोरोनावायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है। सातों आरोपियों ने बताया कि इन दिनों एक के बाद एक शव कब्रिस्तान पहुंच रहे हैं। वे श्मशान घाट से इन कफन को चोरी कर लेते थे। फिर इन पर प्रेस करके इन पर ग्वालियर का मार्का लगाते थे। इसके बाद कफन को बाजार में बेचते थे। ग्वालियर मार्का लगा होने की वजह से उन्हें अच्छे दाम मिल जाते थे। गैंग में एक कपड़ा व्यापारी, उसका बेटा और भतीजा शामिल हैं। इनके साथ उनकी दुकान पर काम करने वाले 4 कर्मचारी और अंत्येष्टि स्थलों पर मजदूरी करने वाले लोग भी जुड़े हैं। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है।
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कफन की करते थे रिपैकिंग
गिरोह कफन की रिपैकिंग कर इन्हें बेच देता था। एक कफन की कीमत 400 रुपए ली जाती थी। पकड़े गए आरोपियों में बड़ौत के नई मंडी में रहने वाला प्रवीण जैन, उसका बेटा आशीष जैन और भतीजा ऋषभ जैन, छपरौली के सबगा गांव का श्रवण कुमार शर्मा शामिल हैं। इनके अलावा राजू शर्मा, बबलू और शाहरूख को भी पकड़ा गया है। ये सभी कपड़ा व्यापारी हैं। आरोपियों पर धारा-144 का उल्लंघन और महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। बड़ौत पुलिस इस गैंग के पास से सैकड़ों कफन बरामद किए हैं। इसके पहले बागपत पुलिस ने एक दिन पहले एक कथित पुरोहित समेत दो लोंगों के गिरफ्तार किया था जो गंगा किनारे घाट पर अंतिम संस्कार के एवज में 15-15 हजार रुपये वसूल रहे थे।