बागपत. वो खाना का इंतजार कर रही थी और घर में खाना बनाने के लिए सामान नहीं था। लाकडाउन हो जाने की कारण घर में सामान लाना भी संम्भव नहीं हो पा रहा था। घर के दरवाजे पर बैठी बूढ़ी महिला मोहल्ले की सूनसान पड़ी गली को बार-बार निहार रही थी। शुक्रवार को नमाज को लेकर भी प्रशासन की सख्ती बढ़ गई थी, जिसके कारण बाजार बंद थे और दुकानों पर भी सख्ती कर दी गई थी। सुबह से ही पुलिस लगातार गस्त कर रही थी। बेटा और बहू भटटे पर काम के लिए गये थे, जो वापस नहीं लौटे थे। ऐसे में सुबह घर पर खाना भी नहीं मिल पाया था। घर में बूढी महिला और एक छोटी पोती के साथ बूढ़ी महिला इंतजार कर रही थी कि बेटा और बहू आयेंगे और खाना मिलेगा, लेकिन दोपहर हो गई, कोई नहीं आया था। बूढ़ी महिला से बार-बार खाना मांगकार बच्ची भी सो गई। बूढ़ी महिला घर के दरवाजे पर बैठी सूनसान पड़ी गली को निहार रही थी। अचानक गली में सन्नाटे को तोड़ती हुई एक टैंम्पों की आवास सुनाई दी और टैंपों आकर सीधा बूड़ी महिला के दरवाजे के पास रूका तो बूढ़ी आंखों में एक आशा जग गई।
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इसी बीच टैंपों से एक महिला अपने पति के साथ उतरीं और बूढ़ी महिला की ओर बढ़ी और हाथ में एक थैला लेकर जैसे ही महिला ने बूढ़ी औरत से पुछा अम्मा कैसी हो, बूढ़ी महिला की आखों में पानी छलक गया। महिला ने खाने से भरा हुआ एक खाने का डिब्बा और सामान बूढ़ी महिला के हाथ में थमा दिया। खाना देखते ही बूढ़ी महिला की आत्मा से आर्शिवाद निकला और उस महिला के सिर पर हाथ रखते हुए बोली भगवान ने हमारी सुन ली बैटा। बूढ़ी औरत के लिए भगवान का रूप बनकर आयी यह महिला कोई और नहीं, भाजपा की जिला महामंत्री सोनिया चैधरी थी, जो अपने पति के साथ लाकडाउन के दौरान उन जरूरतमंद लोगों को खाना और जरूरी चीजे बांट रही थी।
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यह बूढ़ी महिला बागपत नगर के कश्यप कालौनी की रहने वाली थी। ऐसे ही न जाने कितने लोगों को सरकार और प्रशासन की ओर से भी खाना पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। एसे हालात में आप भी किसी के लिए भगवान बनकर जा सकते हैं, क्योंकि भगवान सभी इंसान में बसते हैं और किसी भी रूप में वो आपकी मदद करते हैं। बूढ़ी महिला से आर्शिवाद मिलते ही सोनिया चैधरी की आंखे भी छलक गई। उन्हें देखकर ऐसा लगा मानो उनकी सारी मेंहनत सफल हो गई हो। इसके बाद वह अपने पति को लेकर दुसरे लोगों की मदद के लिए बढ़ गयी।