जानकारी के अनुसार, ककड़ीपुर गांव निवासी युवक की बेटी गांव के ही एक प्राइमरी स्कूल में कक्षा तीन में पढ़ती है। जिसके साथ स्कूल के ही टॉयलेट में एक छात्र ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी 16 अगस्त को स्कूल में पढऩे के लिए गयी थी और जब वह घर आई तो अपने पेट मे दर्द बताकर रो रही थी। इस पर परिजन उसे चिकित्सक के यहां लेकर पहुंचे तो महिला डॉक्टर ने उसके साथ दुष्कर्म होने की बात बताई। पता चलते ही परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। जिसके बाद परिजन स्कूल में बच्ची को लेकर पहुंचे तो टीचर मामले में चुप बैठने की बात कहकर उन्हें स्कूल से भगा दिया।
थाना प्रभारी ने पीडि़तों की शिकायत पर कार्रवाई की जगह भगाया
स्कूल में सुनवाई न होने पर पीडि़त परिवार मासूम बच्ची को लेकर थाने पहुंचा। आरोप है कि वहां मौजूद थाना अध्यक्ष नरेश कुमार ने थाने से उन्हें बिना किसी कार्रवाई के ही भगा दिया। इसके बाद पीडि़त परिवार गुहार लेकर जिले के एसपी के पास पहुंचे, तो एसपी बागपत ने मामले में लापरवाही बरतने के मामले में थाना अध्यक्ष नरेश कुमार को लाइन हाजिर कर दिया और पूरे मामले की जांच कर विभागीय कार्रवाई के लिए जांच टीम बैठा दी है। फिलहाल पीडि़त बच्ची का जिला अस्पताल में उपचार किया जा रहा है और पीडि़त परिवार मामले में न्याय की गुहार लगा रहा है।