गुरमीत ने चौथे स्तंभ यानी मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि बुरा ना मानना क्योंकि मुंह से बात निकल जाती है रहती नहीं है हमसे। हम आपको बुरा नहीं कहना चाहते पर यह क्या है हमने आपको कितनी चिट्ठियों चिट्ठी में लिख दिया और आज बोल दिया कि लाखों बार कहलवालो है कि गुरू हमें थे हम हैं और हम ही रहेंगे। हमने अपनी साध संगत को पछली बार यह कसम दिलाई थी कि गुरु के समतुल्य समझना अपनी आशिकी को बेइंतहा दाग लगवाना है इन बच्चों ने हमें तोहफा दिया था कि अपने गुरु पर सौ परसेंट यकीन करेंगे और उसके बराबर किसी को नहीं मानेंगे।
Vaniya suicide case : बीडीएस छात्रा सुसाइड मामले ने पकड़ा तूल, भीम आर्मी चीफ ने की जांच की मांग
अपनी बिटिया को हमने एक नाम दे दिया है, नाम तो वो ही है वैसे, बिटिया का नाम बताने की जरूरत नहीं है सबको पता है और साथ संगत जानती है हमारी बिटिया का नाम हनी प्रीत है धर्म की बेटी है और हमारी मुख्य शिष्या है और उनका हमने एक छोटा सा नाम दे दिया है सारे कहते हैं गुरुजी, सारे दीदी दीदी कहते है इसलिए पता नहीं चलता तब हमने हनी प्रीत का नाम दे दिया है रुह दी यानी रुहानी दीदी। ताकि आप आसानी से समझ सके थी और थोड़ा सा मॉर्डनाइज करके भी नाम दिया है।