यह भी पढ़ें- सपा नेता की पत्नी की गला घोंटकर हत्या, शव बोरे में बंदकर गंगनहर में फेंका, क्षेत्र में फैली सनसनी बताते चलें कि सोमवार को मौहल्ला केतीपुरा के लक्ष्मण चौक दो समुदायों के बीच जमकर बवाल हुआ था और दोनों तरफ से जमकर पथराव हुआ था और फायरिंग किए जाने की भी बात सामने आई थी। इस दौरान दोनों तरफ से करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए 18 लोगों को नामजद करते हुए कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रजापति परिवार का आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने उन पर जानलेवा हमला किया और न केवल उनकी दुकानें लूट ले गए, बल्कि तीन भैंस भी खोल ले गए। पुलिस ने एक भैंस सोमवार की रात बरामद भी कर ली है। वही प्रजापति परिवारों के अनुसार उन्होंने हमलावरों से भागकर जान बचाई थी। आरोपी उनके पीछे मौहल्ला चौहानान तक फायर करते हुए भागे थे। उन्होंने वहां पर शिव मंदिर में छिपकर जान बचाई थी। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनका जीवन अब यहां पर सुरक्षित नही हैं और उनके परिवार यहां से पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं। अपने परिवारों की कुछ महिलाओं व बच्चों को वह अपनी रिश्तेदारियों में पहले ही भेज चुके हैं। अब वह अपनी सम्पत्ति बेचने के बाद यहां से चले जाएंगे। यदि सम्पत्ति नहीं बिक सकी तो अपना कारोबार समेट कर किसी दूसरी जगह चले जाएंगे। रामपाल के अनुसार उसका व उसके भाई का परिवार यहां सुरक्षित नहीं है। उसने पुलिस कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि पुलिस के कारण ही वह अपने मकानों से बाहर निकल पा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- यूपी में फिर भड़की साम्प्रदायिक हिंसा, पथराव और फायरिंग में 2 सिपाही समेत दर्जनभर घायल, 50 लोगों के खिलाफ केस दर्ज सोमवार को लक्ष्मण चौक पर घटी घटना की कहानी की बर्बरता छतों पर बिखरे पत्थर के टुकड़े व टूटी कांच की बोतल बयां कर रही हैं। हालांकि पुलिस फायरिंग होने से मना कर रही है, लेकिन मौके पर बिजली के पोल व एक नीम के पेड़ पर गोली लगने के निशान पुलिस के दावे को झुठला रहे हैं। मकानों की छतों पर पत्थर के टुकड़े व टूटी पड़ी कांच बोतल अभी भी वैसे ही पड़ी हैं।