कौन है छात्र जिसने बनाई है बाइक
इलेक्ट्रानिक बाइक बनाने वाले असहद अब्दुल्लाह मुबारकपुर थाना क्षेत्र के लोहरा फखरुद्दीनपुर गांव के रहने वाले हैं। असहद अब्दुल्ला ने आईआईटी इंजीनियरिंग मैकेनिकल से पास आउट होकर यह आविष्कार किया है। उनका यह आविष्कार पूरे देश में चर्चा का विषय बना है।
निमार्ण में 12 हजार रुपये आई लागत
छह सीटर बाइक तैयार करने में असहद ने ज्यादातर कबाड़ के सामानों का इस्तेमाल किया है। इस बाइक को तैयार करने में 12 हजार रुपये खर्च हुए हैं। अब असहद उसे और भी बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है यह बाइक
असहद की यह बाइक छह सवारी लेकर तेज गति से दौड़ने में सक्षम है। इस बाइक को 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकता है। असहद का कहना है की रजिस्ट्रेशन और पेटेंट की फॉर्मेलिटी को पूरा करने का भी वे प्रयास कर रहे हैं। ताकि वे इसे आम जनता के लिए भी सुलभ बना सकें।
आनंद महिद्रा ने की बाइक की तारीफ
असहद की इस बाइक की तारीफ देश के प्रमुख उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी की है। आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर लिखा कि कुछ बदलावों के साथ इस गाड़ी को ग्लोबल लेवल पर काम में लाया जा सकता है। मैं हमेशा ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसपोर्ट के आविष्कारों को देखकर हैरान हो जाता हूं।
आठ साल की उम्र से इनोवेशन कर रहा असहद
असहद अब्दुल्ला के मुताबिक 8 साल वर्ष की उम्र से ही इनोवेशन कर रहे हैं। बचपन में रिमोट वाली कार में प्रयोग करता था। आने वाले समय में सोलर एनर्जी और बैटरी से चलने वाला प्लेन बनाने का सपना है। इसे बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लग जाएगा।
डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमत देख आया आइडिया
असहद अब्दुल्ला ने बताया कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार वृद्धि देख उनके मन में इलेक्ट्रानिक बाइक बनाने का आइडिया आया। सोचा क्यों न ऐसी चीज बनाई जाए जिससे गांव के लोग एक जगह से दूसरी जगह कम बजट में जा सके। फिर इलेक्ट्रानिक बाइक पर काम शुरू किया। इस साइकिल को बनाने में एक महीने का समय लगा। साइकिल को बनाने में मात्र 10 से 12 हजार रुपए खर्च आया।
कैसे किया कबाड़ का उपयोग
असहद अब्दुल्ला के मुताबिक बाइक में पुरानी स्कूटर के पार्ट का प्रयोग किया गया है। इसमें 1000 वॉट का हब मीटर लगाया गया है। 1000 वॉट का ही कंट्रोलर लगा है। इसमें लिथियम फास्फेट की बैटरी लगाई गई है। हब मोटर चौन लेस है। इसमें चौन और मेंटीमेंस का खतरा नहीं है।
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बहुत सारे प्रोजेक्ट पर किया काम
असहद अब्दुल्ला पहले भी बहुत सारे प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व केटीएम बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदल दिया था। साथ पैडल वाली साइकिल बनाया था। वह 60 और 80 किलोमीटर की रफ्तार से चलती थी।
सोलर एनर्जी प्लेन पर काम
असहद अब्दुल्ला आने वाले समय में सोलर एनर्जी और बैटरी से चलने वाला प्लेन बनाना चाहते हैं। उनका कहना है कि इसे बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लग जाएगा। लोगों को कम बजट में हवाई यात्राएं मिल सकें। इसकी तैयारियों में लगा हूं।
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क्या कहते हैं असहद के पिता
असहद के पिता मोहम्मद अब्दुल्ला का कहना है कि बेेटा बचपन से ही इन चीजों में रुचि रखता है। बचपन से ही नई-नई चीजें बनाता था। आज परिवार के लोग बहुत खुश हैं। मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में मेरा बेटा प्रदेश और देश का नाम रोशन करेगा।