मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रो. गुरु प्रसाद सिंह ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग वैश्विक समस्या हो गई है। जल, जंगल और जमीन को नुकसान से बचाने के लिए सबको आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि आने समय में सबसे बड़ा संकट यह है कि धरती पर मानवता बचेगी कि नहीं बचेगी। उसकी झलक हमें देखने को मिलने लगी है। पर्यावरण संकट इसी से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी का तापमान बढ़ेगा तो बहुत से जीव, जंतु, वनस्पति और फसल आने वाले समय में नहीं हो पाएंगी। भरतीय प्राचीन सभ्यता के मान बिंदुओं को आज बचाने की जरूरत पड़ रही है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। रॉयल यूनिवर्सिटी भूटान के सह आचार्य डॉ. खेम प्रसाद गौतम ने भूटान के पर्यावरण पर विस्तार से अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि भूटान के पेड़, पौधे और जंगल ने यहां के वातावरण को स्वच्छ बनाने में अहम योगदान दिया है। कार्बन न्यूट्रल देश होने का हमें गर्व है। कहा कि भूटान पर्यटन के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है इसमें स्वच्छ पर्यावरण का ही योगदान है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर्य ऊर्जा को बढ़ावा देना होगा।
कमला बचाओ अभियान जनकपुर धाम नेपाल राष्ट्र के संयोजक विक्रम यादव ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए मानव दोषी है पृथ्वी को माँ कहते हैं लेकिन उसकी रक्षा के लिए अपने कर्तव्यों को भूल गए हैं। नेपाल की अधिकांश नदियां भारत की नदियों से मिलती हैं। हम नदियों को स्वच्छ रखने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।
नीम रत्न से सम्मानित डॉ वीके सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। परिवार के बच्चों के नाम पर पौधे लगाएं। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के सहायक आचार्य डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। लोक दायित्व एवं मूल सरयू बचाओ अभियान के संयोजक पवन कुमार सिंह ने विषय प्रवर्तन एवं संचालन किया। अतिथियों का आभार डॉक्टर संजय सिंह गौतम ने व्यक्त किया।
BY Ran vijay singh