आजमगढ़

UP Assembly Election 2022: दिलचस्प होगा मुकाबला, अलीगढ़ विश्वविद्यालय के छात्रनेता हुजैफा आमिर दीदारगंज से लड़ेगे चुनाव

UP Assembly Election 2022 आजमगढ़ जिले में जहां एक तरफ टिकट को लेकर मची घमासान के बीच उलेमा कौंसिल ने भी अपने पत्ते खोल दिये है। पार्टी ने दीदारगंज विधानसभा क्षेत्र से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के निवर्तमान महासचिव हुजैफा आमिर रशादी को दीदारगंज विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। हुजैफा के मैदान में आने से चुुनाव दिलचस्प हो गया है। कारण कि इस सीट पर पहले भी उलेमा कौंसिल अपनी ताकत का एहसास करा चुकी है।

आजमगढ़Feb 02, 2022 / 01:50 pm

Ranvijay Singh

हुजैफा आमिर रशादी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. UP Assembly Election 2022 यूपी विधानसभा चुनाव का सातवां चरण दिलचस्प मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस के साथ ही पूर्वांचल में यूडीए भी ताकत दिखाने के लिए तैयार है। यूडीए द्वारा दीदारगंज विधानसभा सीट उलेमा कौंसिल को दी गयी है। उलेमा कौंसिल ने यहां से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के निवर्तमान महासचिव हुजैफा आमिर रशादी को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इसके साथ ही चुनाव दिलचस्प होता दिख रहा है। कारण कि उलेमा कौंसिल ने वर्ष 2012 में सपा की लहर के बाद भी इस सीट पर 32 हजार मत हासिल किया था।

बता दें कि दीदारगंज विधानसभा सीट प्रदेश की बीआईपी सीटों में शामिल है। यहां से पिछला दो चुनाव पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर लड़ चुके हैं। वर्ष 2012 में उन्हें सपा के आदिल शेख से हार मिली थी लेकिन वर्ष 2017 में उन्होंने आदिल को हराकर यह सीट हासिल की थी। पिछले दिनों सुखदेव राजभर का निधन होने के बाद यह सीट खाली है। वर्तमान चुनाव की बात करें तो सुखदेव राजभर के पुत्र कमलाकांत राजभर को सपा ने प्रत्याशी बनाया है। वहीं बीजेपी से डा. कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा मैदान में हैं। बसपा से बाहुबली भुपेंद्र सिंह मुन्ना को टिकट भले ही न घोषित किया गया हो लेकिन उन्हें प्रभारी बनाकर मैदान में उतार दिया गया है। कांग्रेस ने अभी अपना पत्ता नहीं खोला है।

अब यूडीए की तरफ से हुजैफा आमिर रशादी को प्रत्याशी बनाया गया है। हुजैफा आमिर के मैदान में आने से यहां लड़ाई दिलचस्प हो गयी है। हुजैफा उलेमा कौंसिल के अधिकृत प्रत्याशी है। वर्ष 2012 में पार्टी ने बाहुबली भूपेंद्र सिंह मुन्ना को मैदान में उतारा था। उस समय मुन्ना को 32 हजार वोट मिले थे। जबकि पूरे प्रदेश में सपा की लहर थी और मुस्लिम मतदाता बड़ी तादात में सपा के साथ खड़ा हुआ था। इस चुनाव में हालात अलग है। पूर्व विधायक आदिल शेख का टिकट काटकर कहीं न कहीं सपा ने मुस्लिम मतदाताओं को नाराज किया है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने अति पिछड़े पर दाव खेला है। दूूसरा कोई मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में नहीं है। विधानसभा में सत्तर हजार से अधिक मुस्लिम मतदाता है। सबसे बड़ी बात है कि यूडीए में पीस पार्टी के अलावा चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी भी शामिल है। ऐसे में हुजैफा को दलित वोट भी मिलने की उम्मीद है।

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