1997 में हुई थी सराफा कारोबारी की हत्या
मुकदमें के अनुसार मेहनगर कस्बा निवासी दशरथ सेठ अपने भाई जयप्रकाश के साथ 5 जुलाई 1997 को ज्वेलरी बेचने गए थे। दोनों भाई ज्वेलरी देने के बाद वापस लौट रहे थे।
दोनों दोपहर दो बजे असौसा गांव में नहर किनारे पहुंचे थे, तभी उनका स्कूटर खराब हो गया। दोनों भाई स्कूटर ठीक करने के लिए रुके। उसी दौरान पीछा करते हुए मेहनगर कस्बे के अनिल, सुनील और अजीत पुत्रगण मेवालाल वहां आ गए।
जमीन विवाद की पुरानी रंजिश को लेकर तीनों ने जयप्रकाश को गोली मार दी। घायल जयप्रकाश को अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
इस मामले में दशरथ ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मेहनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच की । जांच के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेजा।
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पांच गवाहों ने अदालत में दी गवाही
अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता शिवाश्रय राय अैर आनंद सिंह ने दशरथ सेठ, डॉक्टर एके मिश्र, ओमप्रकाश उर्फ हरिओम, अब्दुल अजीज और ऋषि नारायन सिंह को बतौर गवाह अदालत में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत में फैसला सुनाया।
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अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला
सुबूत और गवाहों को सुनने के बाद अदालत में तीनों भाइयों पर हत्या का आरोप साबित हुआ। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-8 धनंजय कुमार मिश्रा ने आरोपी अनिल कुमार, सुनील कुमार और अजीत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।