बता दें कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अखिलेश ने राजभर मतों का साधने के लिए बसपा के वरिष्ठ नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर से हाथ मिलाया था। उस समय सुखदेव ने पत्र लिखकर अखिलेश से अपने पुत्र कमलाकांत को सपा में शामिल करने की अपील की थी। कुछ दिन बाद ही सुखदेव का निधन हो गया। इसके बाद उन्होंने दीदारगंज विधानसभा में पूर्व विधायक आदिल शेख का टिकट काटकर कमलाकांत राजभर को मैदान में उतारा। इसका विरोध भी हुआ लेकिन अखिलेश ने अपना निर्णय नहीं बदला।
वहीं बसपा ने यहां भूपेंद्र सिंह मुन्ना और भाजपा ने डा. कृष्णमुरारी विश्वकर्मा को मैदान में उतारा। माना जा रहा था कि लड़ाई त्रिकोणीय होगी लेकिन सुखदेव के निधन के बाद उपजी सहानुभूति को सपा भुनाने में सफल रही। राजभर मतदाता दीदारगंज में खुलकर सपा के साथ खड़े हुए तो इसका प्रभाव फूलपुर पवई, मेंहनगर, लालगंज, अतरौलिया सीट पर भी देखने को मिला। कमलाकांत राजभर दीदारगंज में 73834 मत पाकर विजई रहे। यहां बीजेपी के डा. कृष्णमुरारी विश्वकर्मा को 60620 वोट मिला। जबकि भूपेंद्र सिंह मुन्ना को मात्र 46882 मत मिला। वहीं अन्य सीटों पर भी राजभर मतों की लामबंदी के कारण सपा ने बड़ी जीत हासिल की। अब कमलाकांत जिले के सबसे युवा विधायक है।