मूल रूप से तरवां थाना क्षेत्र के जमुआ गांव निवासी बाहुबली अखंड प्रताप सिंह को मायावती के करीबी माने जाते हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने इन्हें अतरौलिया से मैदान उतारा था लेकिन अखंड सपा के राष्ट्रीय महासचिव बलराम यादव के पुत्र डा. संग्राम यादव से चुनाव हार गए थे। अखंड तरवां ब्लाक से ब्लाक प्रमुख भी रह चुके हैं।
अखंड के आपराधिक इतिहास की बात करें तो पहली बार 11 मई 2013 को ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की हत्या के मामले में चर्चा में आये थे। पुलिस के मुताबिक अखंड के खिलाफ विभिन्न थानों में तीन दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गयी है। पुलिस अखंड की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके लिए कई टीमों का गठन किया है साथ ही साइबर सेल को भी लगाया गया है लेकिन पूरा पुलिस महकमा मिलकर अब तक अखंड का सुराग नहीं लगा सका है।
इसके बाद ईनाम घोषणा की शुरूआत हुई तो अब तक जारी है। पुलिस ने ईनाम की शुरूआत 25 हजार से की थी। डेढ़ माह पहले इसे बढ़ाकर एक लाख किया गया था। साथ ही इनके खिलाफ कुर्की की भी कार्रवाई शुरू की गयी। सात नवंबर को पुलिस ने अखंड के जमुआ गांव स्थित आवास पर कुर्की की नोटिस चस्पा कर मुनादी भी करायी लेकिन बाहुबली न तो सामने आया और ना ही आत्मसमर्पण किया। अब पुलिस ने अखंड पर ईनाम बढ़ाकर ढ़ाई लाख रूपये कर दिया है। साथ ही घोषणा की है कि जो भी अखंड की सूचना देगा उसे एक लाख रूपये का पुरस्कार अलग से दिया जाएगा। साथ ही उसका नाम पता गुप्त रखा जाएगा। इससे एक बार फिर हलचल तेज हो गयी है।
पुलिस अधीक्षक अखंड पर 36 गंभीर मुकदमें दर्ज हैं। इसमें कई हत्या के मामले भी शामिल हैं। उसपर एक लाख का ईनाम पहले से घोषित था। उसका मूवमेंट अभी इधर दिख नहीं रहा है तो हम लोगों ने ईनाम की राशि बढ़ाकर ढाई लाख किया है। साथ ही हर स्टेट की क्राईम ब्राच को पत्र लिखा है सभी 75 जिलों के एसपी को पत्र लिखने के साथ ही उसका फोटो और प्रोफाइल दिया है ताकि किसी को इसके बारे में कोई सूचना मिलती है तो उसे गिरफ्तार किया जा सके। साथ ही आज की डेट में हमें सूचना देता है और वह पकड़ा जाता है तो सूचना देने वाले को एक लाख रूपया दिया जाएगा।
By Ran Vijay Singh