अतरौलिया थाना क्षेत्र के चनैता गांव निवासी बजरंगी यादव 50 पुत्र सुखई के पास काफी कम खेत था। वह मेहनत मजदूरी कर किसी तरह परिवार को भरण पोषण करता था। कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद मार्च माह में लगे लाक डाउन के बाद से उसे काम मिलना बंद हो गया। लाक डाउन खुलने के बाद भी काम कम मिल रहा था। जिसके कारण बजरंगी के लिए परिवार चलाना मुश्किल हो गया था।
आर्थिक तंगी से परेशन बजरंगी मंगलवार की भोर में दैनिक क्रिया से निवृत्त होने की बात कह कर घर से निकला और प्राथमिक विद्यालय के बगल में स्थित नहर के किनारे आम के पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी।
गांव के लोग सुबह मार्निंग वाक पर निकले तो पेड़ से लटकता बजरंगी का शव देख दंग रह गए। उन्होंने घटना की सूचना पुलिस और परिजनों को दी। बजरंगी की मौत की सूचना से परिवार में कोहराम मच गया।
वहीं सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक की दो पुत्रियां है। बड़ी पुत्री की शादी हो चुकी है। जबकि छोटी पुत्री अभी अविवाहित है।
परिवार के लोगों का कहना है कि बजरंगी आर्थिक तंगी से परेशान थे। उन्हें हमेसा बेटी की शादी व घर की चिंता रहती थी। कोरोना के चलते नियमित काम न मिलने के कारण उनकी परेशानी और बढ़ गयी थी। जब वह घर नहीं चला पाए तो मौत को गले लगा लिया।
BY Ran vijay singh