बता दें कि आजमगढ़ के सुनियोजित विकास न होने के कारण लोगों को तमाम दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। महायोजना न होने का असर विकास पर भी पड़ रहा है। यहां महायोजना-2011 को पूरा हुए लगभग 11 साल हो गए हैं। अब महायोजना-2031 बनी, जिसका जनपदवासियों को काफी दिनों से इंतजार है। काफी संख्या में लोगों ने कृषि क्षेत्र में भूमि खरीद रखी है। भूमि परिवर्तन न होने से उनके मानचित्र स्वीकृत नहीं हो रहे हैं।
अब नई महायोजना से लोगों को अपनी भूमि के परिवर्तन का भरोसा है। काफी संख्या में लोगों ने नई महायोजना के क्रियान्वयन में देरी होने से निर्माण करा लिया, जिन्हें विकास प्राधिकरण ने नोटिस जारी कर दिया है।ं इससे लोगों की मुश्किल बढ़ गयी है। ऐसा नहीं है कि महायोजना तैयार करने की कोशिश नहीं की गयी। नई महायोजना की स्वीकृति के लिए एडीए ने कई बार प्रस्ताव भेजा लेकिन शासी समिति ने कुछ न कुछ आपत्ति लगाकर वापस कर दिया। आपत्तियों के निस्तारण के बाद एडीए नया प्रस्ताव भेजता रहा लेकिन शासी निकाय ने स्वीकृति नहीं दी।
शत प्रतिशत आपत्तियों के निस्तारण के बाद शासी निकाय से स्वीकृति मिल पाई है, तो लोगों की निगाहें मुख्यमंत्री के अंतिम मुहर पर टिकी हैं। सीएम की स्वीकृति मिलते ही नई महायोजना लागू हो जाएगी। आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के सचिव बैजनाथ का कहना है कि 28 नवंबर 2021 को शासी समिति की बैठक हुई थी, जिसमें नई महायोजना 2031 स्वीकृत कर दी गई थी। आदर्श चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद पत्रावली शासी निकाय मुख्यमंत्री के पास भेजेगा। यदि उनकी स्वीकृति मिल गई, तो नई महायोजना लागू हो जाएगी।