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Crime News: आजमगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 190 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश

Azamgarh Crime News: आजमगढ़ पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपियों के पास से ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले कई टूल बरामद हुए हैं।

आजमगढ़Nov 27, 2024 / 02:47 pm

Abhishek Singh

Azamgarh Newe: आजमगढ़ पुलिस को साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने 190 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले गैंग का पर्दफाश किया, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन जूए का गैंग चलाता था। इस मामले में पुलिस ने 11 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है और 169 बैंक खातों के दो करोड़ रुपये फ्रीज किया है। दो आरोपित भागने में सफल हो गए।
इनके पास से 3.40 लाख रुपये नकद, 51 मोबाइल फोन, छह लैपटाप, 61 एटीएम कार्ड, 56 पासबुक, 19 सिम, सात चेकबुक, तीन आधार और जियो का एक राउटर भी बरामद हुआ है। इन्होंने उप्र, बिहार, आंध्र प्रदेश समेत 12 राज्यों में अपना जाल को फैला रखा था। आरोपितों में छह उप्र, दो बिहार, दो ओडिशा और एक मप्र का रहने वाला है। इन्होंने कोचिंग के नाम पर रैदोपुर क्षेत्र में स्मार्ट माल के सामने दो मंजिल का मकान किराये पर ले रखा था। इसके अलावा गिरफ्तार आरोपियों के पास से 51 मोबाइल, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 19 सिम कार्ड, 7 चेक बुक, 3 आधार कार्ड, एक जियो फाइबर राउटर मिला हैं। इससे आरोपी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देते थे।
इस मामले में आजमगढ़ पुलिस ने राम सिंह, संदीप यादव, विशाल दीप, अजय कुमार पाल, आकाश यादव, पंकज कुमार, प्रदीप क्षात्रिया, विकास यादव, आनंदी कुमार यादव, मिर्जा उमर बेग उर्फ उमर मिर्जा और अमित गुप्ता को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा विनय यादव और सौरभ फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.

सोशल मीडिया से देते थे प्रलोभन


इस मामले पर एसपी हेमराज मीणा ने पुलिस लाइन सभागार में बताया कि अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन गेम रेड्डी अन्ना, लोटस, महादेव के माध्यम से लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, मेटा और टेलीग्राम पर विज्ञापन के माध्यम से पैसों को दोगुना या तीन गुना जीतने का प्रलोभन देकर देकर ठगी करते थे।
इन गेम्स में पीड़ितों की लॉगइन आईडी बनाकर साइबर ठगी कर सारा पैसा फर्जी खातों और मोबाइल के जरिये ट्रांसफर कर लेते थे और पीड़ित की आईडी ब्लॉक कर देते थे। इस संगठित गैंग में भारत और अन्य देश जैसे श्रीलंका, यूएई के मेंबर अलग-अलग व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़े हुए थे और ठगी के पैसे का आदान-प्रदान करते थे।
छिपने के लिए था खास प्लान
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में उत्तर प्रदेश से 6, बिहार से 2, उड़ीसा से 2, मध्य प्रदेश से 1 आरोपी शामिल हैं।इनके खिलाफ कुल 71 साइबर ठगी के मामले पहले से ही दर्ज हैं। इनकी लोकेशन पकड़ी न जाए इसके लिए यह लोग हर तरह के टूल का इस्तेमाल करते थे।
यहां तक कि जिस सिम से व्हाट्सऐप ग्रुप क्रिएट करते थे, उसी सिम को तुरंत तोड़ भी देते थे, लेकिन व्हाट्सऐप चलाते रहते थे। इससे लोकेशन ट्रैक नहीं होता था और मोबाइल में भी इसी तरह का कारनामा करते थे।

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