बता दें कि जिले में कुल 3250 परिषदीय विद्यालय है। इसमें 2367 प्राथमिक व 983 जूनियर हाई स्कूल के विद्यालय शामिल हंै। विद्यालयों के विकास कार्यो के लिए प्रबन्ध समिति की अहम भूमिका होती है। स्वेटर वितरण, पुस्तक वितरण व ड्रेस वितरण समेत विद्यालय की सभी खरीददारी का निर्णय प्रबंध समिति के बैठक में लिए जाते हैं।
आमतौर पर प्रधान, प्रधानाध्यापक और शिक्षा विभाग से जुड़े लोग अपने करीबी लोगों को समिति में शामिल कर मनमानी करते रहे हैं। लेकिन अब सरकार ने इसमें पारदर्शिता लाने का निर्णय लिया है। शासन के निर्देशानुसार 25 दिसम्बर तक जिले के सभी ब्लाकों के परिषदीय विद्यालयों में प्रबन्ध समिति का चुनाव हो जाना है। इसके लिए डीएम ने प्रबन्ध समिति के गठन के कराने के लिए बीडीओं को नामित किया है। सभी बीडीओ विद्यालय में प्रबन्ध गठन के लिए अपने अपने ब्लाक खंड में एसएमसी का चुनाव तिथि की मुनादी कराएंगे।
खास बात है कि जिस गांव के बच्चें विद्यालय पर पढ़ रहे है। उस गांव के छात्र अभिभावकों को मुनादी के जरिए सूचना दी जाएगी। वहीं विद्यालय के प्रधानाध्यापक का दायित्व है कि विद्यालय में अध्ययनरत प्रत्येक छात्र छात्राओं की नोटबुक, कापी, पर्ची में खुली बैठक की तिथि अंकित कर बच्चों के माता पिता, संरक्षक को सुचना देंगे। विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की प्रति स्ंाख्या के कम से कम पचास फीसदी बच्चों के माता-पिता, संरक्षक की उपस्थित अनिवार्य होगी। तब जाकर विद्यालय प्रबन्ध समिति का चयन किया जायेगा।
प्रबंध समिति में विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के माता पिता, संरक्षक शामिल होंगे। सदस्यों में से एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष का चयन किया जायेंगा। समिति में पचास फीसदी महिलाओं की भागीदारी होगी या एक उपाध्यक्ष महिला होगी। समिति के सदस्यों में एक सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा कमजोर वर्ग के बालक के माता-पिता को शामिल किया जायेगा। शिक्षामित्र, रसोइयां व शिक्षा विभाग में कार्यरत लोगों को को समिति में शामिल नहीं किया जायेगा।
BY ran vijay singh