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Ghosi by Election: स्थानीय बनाम बाहरी के मुद्दे में हार गए दारा चौहान, जानिए सपा ने क्यों बनाया ऐसा माहौल

चुनाव के शुरुआती दौर में ही जैसे ही स्थानीय बना बाहरी का मुद्दा बनने लगा तो समाजवादी पार्टी ने भी समीकरण को समझते हुए घोसी के ही अपने पुराने कार्यकर्ता और दो बार के विधायक रहे सुधाकर सिंह पर भरोसा जताते हुए उम्मीदवार बना दिया।सुधाकर सिंह ने भी लोगों को भरोसा दिलाया कि ,” हारब तबो निबिया के तरे, जीतब तबो निबिया के तरे, 50 साल से यहीं मिलिला, यहीं मिलब” ।भारतीय जनता पार्टी ने सपा छोड़कर के भाजपा में आए दारा सिंह चौहान को उम्मीदवार बना दिया और दारा सिंह चौहान आजमगढ़ के रहने वाले हैं।

आजमगढ़Sep 09, 2023 / 07:53 am

Abhishek Singh

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Ghosi by Poll: घोसी विधानसभा के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने बड़े वोटो के अंतर से भाजपा के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को शिकस्त दी है। दारा सिंह चौहान के हार के कई समीकरण बताया जा रहे है, उन्हें में से एक है स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा। जी हां जैसे ही घोसी विधान सभा के उप चुनाव की घोषणा हुई तुरंत समाजवादी पार्टी के नेताओं ने स्थानीय बनाम बाहरी का नारा देना शुरू किया । माहौल इस कदर बना कि सभी चट्टी चौराहे पर स्थानीय बनाम बाहरी के बारे में जनता बोलने लगी।
स्थानीय बनाम बाहरी के समीकरण में मिला सुधाकर को टिकट

चुनाव के शुरुआती दौर में ही जैसे ही स्थानीय बना बाहरी का मुद्दा बनने लगा तो समाजवादी पार्टी ने भी समीकरण को समझते हुए घोसी के ही अपने पुराने कार्यकर्ता और दो बार के विधायक रहे सुधाकर सिंह पर भरोसा जताते हुए उम्मीदवार बना दिया।सुधाकर सिंह ने भी लोगों को भरोसा दिलाया कि ,” हारब तबो निबिया के तरे, जीतब तबो निबिया के तरे, 50 साल से यहीं मिलिला, यहीं मिलब” ।
भारतीय जनता पार्टी ने सपा छोड़कर के भाजपा में आए दारा सिंह चौहान को उम्मीदवार बना दिया और दारा सिंह चौहान आजमगढ़ के रहने वाले हैं। हालांकि दारा सिंह चौहान का पूरा राजनीतिक कैरियर मऊ ही रहा है। घोसी विधानसभा से विधायक और घोसी लोकसभा से सांसद भी दारा सिंह चौहान रह चुके हैं। इसके बावजूद भी मऊ की राजनीति में स्थानीय बना बाहरी के मुद्दे में दारा सिंह को बाहरी बनाने का समाजवादी द्वारा कैंपेन चलाया गया ।जिससे पूरे मऊ में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा हावी हो गया।
चुनाव प्रचार प्रसार में भाजपा के नेता भी स्थानीय बना बाहरी के मुद्दे को नहीं तोड़ पाए

घोसी विधानसभा के उपचुनाव में जो भी नेता आए वह तत्काल समझ गए कि इस चुनाव में एक ही मुद्दा हावी है स्थानीय बना बाहरी। उसको तोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी के दिग्गजों ने लाख प्रयास किए। सभी जाति के मंत्री और नेता को चुनावी प्रचार प्रसार में तो उतारा ही साथ ही मंचों से यह भी कहा जाने लगा कि अखिलेश यादव भी तो आजमगढ़ से सांसद रहे हैं ,क्या वह आजमगढ़ के निवासी है? चुनाव बाहरी और स्थानीय का मुद्दा नहीं मोदी और योगी के विकास का है।
भाजपा के नेता यही नारा देते रहे और लोगों को समझाते रहे। इसी बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पहुंचे और चुनावी जनसभा में उन्होंने कहा कि घोसी की जनता को चट्टी चौराहे पर मिलने वाला विधायक चाहिए, और वह नेता सुधाकर है। सुधाकर तो चट्टी चौराहे पर मिल जाएगा दारा तो दल बदलू है ,वह जनता के बीच में हमेशा दगा देता रहेगा।

दारा सिंह चौहान ने भी स्वीकार किया कि स्थानीय बना बाहरी का मुद्दा

जीरा सिंह चौहान चुनाव हारने के बाद मीडिया से बात करते हुए बोले कि कहीं ना कहीं इस चुनाव में जो समाजवादी पार्टी ने स्थानीय बना बाहरी का षड्यंत्र रचा वह हावी रहा ।
लेकिन मैं जनता से बता दूं कि घोसी के लोगों और मऊ के लोगों ने मुझे लोकसभा और विधानसभा भेजा। आजमगढ़ और मऊ मेरे दिल के दो टुकड़े हैं। इस चुनाव में हम लोग योगी मोदी के काम को नहीं बता पाए यही हमारी कमी रह गई।

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