बता दें कि एमएलसी चुनाव में सीएम योगी के करीबी एमएलसी यशवंत सिंह के पुत्र रीशू सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह, क्षेत्रीय महामंत्री सहजानंद राय सहित आधा दर्जन से अधिक नेता टिकट की दावेदारी कर रहे थे। रहा सवाल अरूणकांत का तो वे वर्ष 2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर फूलपुर पवई विधानसभा से विधायक चुने गए थे।
वर्ष 2022 के चुनाव में वे विधानसभा से ही टिकट की दावेदारी कर रहे थे लेकिन अंतिम समय में सपा ने अरूणकांत के पिता बाहुबली रमाकांत यादव को फूलपुर पवई से मैदान में उतार दिया था। इसके बाद बीजेपी ने अरूणकांत का टिकट काटकर रामसूरत राजभर को मैदान में उतार दिया था। कारण कि बीजेपी पिता के सामने पुत्र को लड़ाने के मूड में नहीं थी। इसके बाद अरूण ने एमएलसी चुनाव में टिकट की दावेदारी शुरू कर दिये थे।
उन्होंने पूर्व में ही तीन सेट में पर्चा खरीद लिया था। पिछले दिनों सपा ने अपने पत्ते खोलते हुए राकेश यादव को मैदान में उतार दिया था लेकिन बीजेपी ने अपने पत्ते नहीं खोले थे। बीजेपी की तरफ से आधा दर्जन अन्य नेताओं ने भी पर्चा खरीद लिया था लेकिन शनिवार को पार्टी ने अरूणकांत के नाम की घोषणा कर दी। माना जा रहा है कि अब लड़ाई काफी कठिन होगी। कारण कि यादवों में अरूणकांत की अच्छी पैठ है और रमाकांत खुलकर विरोध भी नहीं कर पाएंगे।