बता दें कि आजमगढ़ में 10 विधानसभा सीटें हैं। यहां यादव, दलित और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। सपा और बसपा इन्हीं मतदाताओं के भरोसे आजमगढ़ में तीन दशक से जीत हासिल करती आ रही हैं। यहां कभी एम-वाई फैक्टर के जरिये सपा तो कफी दलित मुस्लिम गठजोड़ से बसपा ने फायदा उठाया है। अब दलित और मुस्लिम वोटों पर आजाद समाज पार्टी की भी नजर है। चंद्रशेखर रावण जहां दलितों के बीच अपनी पैठ लगातार मजबूत कर रहे हैं वहीं सपा के वोट बैंक मुस्लिम मतदाताओं में सेंध लगाने की पूरी कोशिश कर रहे है।
यहीं वजह है कि संगठन में मुस्लिम नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। उन्होंने पिछले दिनों राजेश यादव को मंडल प्रभारी तो अब्दुल्लाह खान को मंडल अध्यक्ष बनाया था। अब लालगंज विधानसभा क्षेत्र के कटौली खुर्द गांव निवासी डॉ. अली अख्तर को जिला प्रभारी नियुक्त किया है। डा. अख्तर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद जामिया मिलिया ईस्लामिया दिल्ली से डाक्टरेट की उपाधि हासिल की है।
उन्हें ईमानदार व जुझारू छवि का नेता माना जाता है। चंद्रशेखर का यह मुस्लिम कार्ड सपा और बसपा की बेचैनी बड़ा रहा है। कारण कि अगर रावण की पार्टी 2 से तीन 3 प्रतिशत भी मुस्लिम मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में सफल होती है तो 2022 में सपा की मुश्किल बढ़ जाएगी। जिला प्रभारी डॉ. अली अख्तर का कहना है कि पार्टी की नीतियां से प्रभावित होकर एएसपी में सेवा देना शुरू किया हूं। पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, उस पर सदैव खरा उतरने का प्रयास करूंगा। दबे, कुचले व मजलूमां को न्याय दिलाते हुए पार्टी को मजबूत करना ही मेरी प्राथमिकता होगी।
BY Ran vijay singh