10 दिन पहले बोया गया था गेंहू
पीड़ित किसानों ने बताया कि गेहूं की अभी 10 दिन पहले बोवाई हुई थी। कुछ गेहूं अभी जम रहे थे तो कुछ अभी मिट्टी के अंदर ही पड़े थे। अचानक नहर का तटबंध टूटने से गेहूं की फसल पूर्ण रूप से बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है। खेत में जल भराव से बीज सड़ जाएगा, जो जम गया है वह सूख जाएगा। क्योंकि खेतों में दो से तीन फीट तक पानी इस समय भरा पड़ा हुआ है। अब गेहूं की बोआई का सीजन भी खत्म हो गया है। दोबारा गेहूं बोया भी नहीं जा सकता, इससे हम लोगों का काफी नुकसान हुआ है। जैसे ही नहर विभाग के अधिकारियों को तटबंध टूटने की सूचना मिली मौके पर आनन-फानन में पहुंचकर तटबंध को बंधवाने का कार्य शुरू करा दिया। काफी मशक्कत के बाद टूटे तटबंध की मरम्मत की। इस संबंध में नहर विभाग जेई आलोक गुप्ता ने बताया कि रात्रि में नहर का तटबंध अचानक टूटने से खेतों में जल भराव हुआ है। जैसे ही विभाग को सूचना मिली हम तत्काल प्रभाव से मौके पर पहुंचकर एक घंटे के अंदर में नहर का तटबंध को पूर्ण रूप से बंधवा दिया गया है।