बीजेपी नेता ने कोतवाल पर अखिलेश का एजेंट बन कर कार्य करने का आरोप लगाया और पहुंच गए डीएम ऑफिस ज्ञापन देने। मजे की बात यह रही कि अपनी सरकार होते हुए भी घंटों तक कोई अधिकारी उनका ज्ञापन लेने नहीं आया। बाद में डीएम ने अधिकारियों को भेज कर ज्ञापन रिसीव करवाया।
अखिलेश यादव पर टिप्पणी का मामला
गौरतलब है कि सपा मुखिया द्वारा दिए गए बयान कि अपराधी और मठाधीश में ज्यादा अंतर नहीं होता के लिए एफआईआर शहर कोतवाल द्वारा न दर्ज करने से आक्रोशित भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरिवंश मिश्रा के नेतृत्व में भाजपा का प्रतिनिधि मंडल डीएम कार्यालय पर मुख्यमंत्री एवं पुलिस अधीक्षक के नाम से ज्ञापन देने पहुंचा था। मजे की बात यह रही कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए भी घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई अधिकारी भाजपा नेता का ज्ञापन लेने नहीं पहुंचा, इससे नाराज भाजपा नेताओं ने डीएम कार्यालय पर शांतिपूर्ण तरीके से बैठ गए। बीजेपी नेता हरिवंश मिश्रा ने कहा कि बीते 5 दिन पहले शहर कोतवाली में साधु संत मठाधीशों की तुलना अपराधियों से करने को लेकर वह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर कार्रवाई करने के लिए प्रार्थना पत्र देने कोतवाली गए थे लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब भी कोतवाल से बात हुई वह टालमटोल करते रहे। उनका कहना था कि मैं एफआईआर नहीं करूंगा, हमारी शिकायत जाकर कर दीजिए, मुझे हटवा दीजिए। हम लोगों के डीएम कार्यालय पर बैठे होने की सूचना पर शहर कोतवाल मौके पर आए और धमकी देने लगे कि आप लोग बिना परमिशन के धरने पर बैठे हैं। मेरे द्वारा बताया गया कि आज सपा कार्यकतार्ओं द्वारा ढाई सौ दो चक्के गाड़ियों का जुलूस पूरे शहर में हुडदंग मचाते हुए निकला है कई जगहों पर जाम लग गया, क्या उन लोगों ने परमिशन ली थी?
अगर आपके द्वारा हमारी एफआईआर दर्ज हो जाती तो हम लोग यहां नहीं बैठते। श्री मिश्रा ने कहा कि शहर कोतवाल अखिलेश यादव के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं, उनकी कार्यशैली अच्छी नहीं है। जिलाधिकारी द्वारा मौके पर अधिकारियों को भेजकर ज्ञापन लिया गया। बीजेपी नेता ने कहा कि अगर दोषी पूर्व मुख्यमंत्री के ऊपर 24 घंटे के अंदर एफआईआर नहीं दर्ज हुई तो हजारों की संख्या में भारतीय जनता पार्टी के लोग धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे,और इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
भाजपा जिला महामंत्री पिछड़ा वर्ग मोर्चा मिथिलेश चौरसिया ने कहा यहां का जिला प्रशासन समाजवादी पार्टी के इशारे पर चलता है, जिसकी वजह से आजमगढ़ की भोली भाली जनता की समस्याओं की सुनवाई थ कोतवाली और तहसीलों में नहीं होती है। जिसका जीता जागता प्रमाण है सारा सबूत होते हुए भी सपा मुखिया के खिलाफ शहर कोतवाल द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किया जा रहा। मजबूरन हमें न्यायपालिका का सहारा लेना पड़ेगा।
इसकी जांच किसी उच्च अधिकारी से कराकर हमारा एफआईआर दर्ज कर दोषी कोतवाल को तत्काल सस्पेंड किया जाए अन्यथा हम सभी लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करवाने को बाध्य होंगे।