जिलाधिकारी ने बताया कि 17 अगस्त से सभी पात्र किसानों की सूची सम्बन्धित बैंक शाखाओं के नोटिस बोर्ड पर चस्पा हो जायेगी। शासन द्वारा शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रारूप निर्धारित किया गया है, जिसमें किसान अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराएंगे। इसके अतिरिक्त किसान ऑफलाइन शिकायत सम्बन्धित तहसील में भी दे सकते है। इसे तहसील टास्क फोर्स ऑनलाइन दर्ज कर अपनी रिपोर्ट लगाते हुए जिला स्तरीय समिति को भेजेगी। जिसका निस्तारण जिला स्तरीय समिति द्वारा करते हुए मण्डलीय समिति को फारवर्ड कर दी जायेगी।
यह भी पढ़ें- Gorakhpur Tragedy: कांग्रेसियों ने फूंका सीएम का पुतला, जांच के लिए राज्यपाल को भेजा ज्ञापन डीएम ने सख्त निर्देश दिया कि ऋण मोचन के लिए पात्र किसान का चयन पारदर्शिता से करें। भ्रष्टचार की शिकायत और लेखपाल व अन्य राजस्व कर्मियों की संलिप्तता पाये जाने पर सख्त कार्यवाही होगी। इस योजना की शासन स्तर से माॅनिटरिंग की जा रही है। इसलिए पारदर्शिता बरते और एसडीएम व तहसीलदार स्वंय देखें। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन किसानों का आधार कार्ड नहीं है उनका अभियान चलाकर कार्ड बनवाएं, जिससे उन्हें द्वितीय चरण में ऋण मोचन योजना का लाभ मिल सके। प्रत्येक स्तर के राजस्वकर्मी संवेदनशील बने और आम जनता का कार्य करें।
यह भी पढ़ें- आजमगढ़ में ऐतिहासिक व पौराणिक स्थलों को कभी नहीं मिला महत्व उन्होंने कहा कि लेखपाल अतिक्रमण हटवाने में अभी भी रूचि नहीं ले रहे है। प्रत्येक लेखपाल व अमीन को माहवार कर-गुजारियां का लेखाजोखा देना होगा। इसके लिए सभी एसडीएम को निर्धारित प्रारूप उपलब्ध करा दिया गया है। राजस्व वसूली पर असन्तोष व्यक्त करते हुए उन्होने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष राजस्व वसूली कम हुई है। मुख्यमंत्री संदर्भ व ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण में शिथिलता हो रही है। मुकदमों में प्रति-शपथपत्र नहीं लग रहा है, इसमें सुधार लायें। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन लवकुश त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीके गुप्ता, सीआरओ आलोक कुमार सहित एसडीएम तहसीलदार व कलेक्ट्रेट के अनुभागीय अधिकारी उपस्थित थे।