जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि कंटेनमेंट जोन में अत्यधिक सतर्कता बरती जाएगी तथा कड़े नियम लागू किए जाएंगे। इन क्षेत्रों के अंदर एवं बाहर किसी भी व्यक्ति, वाहन आदि को आवागमन की अनुमति नहीं होगी। सिवाय ऐसी स्थिति के जो चिकित्सकीय आपातकालीन स्थिति और आवश्यक वस्तुओं, सेवाओं की आपूर्ति से सम्बंधित हो। भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। कांटैक्ट ट्रेसिग, चिकित्साधिकारी द्वारा किए गए रिस्क निर्धारण के आधार पर व्यक्तियों को होम, संस्थागत क्वारंटाइन किया जाना। इसके आकलन संबंधित व्यक्ति के लक्षण, केस व उनके संपर्क की स्थिति और यात्रा इतिहास के आधार पर किया जाएगा। दूसरे लक्षणों वाले केसों की जांच, विशेष रूप से गठित टीम द्वारा हाउस-टू-हाउस सर्विलांस, समस्त केसों का प्रोटोकाल के अनुसार मनोवैज्ञानिक (नैदानिक) प्रबंध, लोगों की काउंसिलिग, जागरूक करना एवं इसके लिए संचार प्रबंधन के प्रभावी उपाय करना।