ये भी पढ़ें – बड़ी खबर : महाराष्ट्र में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद रामलला का आशीर्वाद लेने आ रहे हैं उद्धव प्रदेश सरकार के निर्देश पर जारी हुई गाइडलाइन कुम्हारी कला बढ़ावा देने के लिए अधिकारी दें कुम्हारों का साथ
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि कुम्हारीकला को करने वाले जिन कुम्हारोे के पास मिट्टी उठाने का पट्टा है और जिनके पास नही है उन कुम्हारो को पट्टा दिये जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कुम्हारो के पास माटीकला को व्यापक स्तर पर कार्य किये जाने हेतु उनके सुविधाओं को दृष्टिगत पट्टा दिया जाये, जिससे उनके अपने माटीकला के सामाग्रियों के निर्माण कार्य में आसानी से मिट्टी उपलब्ध हो सके और वे प्राप्त मिट्टी के माध्यम से कुल्हड़, प्याले, दिये तथा अन्य सामाग्री बनाकर उसे बाजार मे बेचकर अधिक से अधिक धन प्राप्त कर सके। उन्होनें कहा कि नगर निगम से जुड़े गांव के कुम्हार मिट्टी के माध्यम से उत्पादित किये गये कुल्हड़, प्याले, दिये बर्तनों को लाकर शहरों मे बेंचे जिससे शहरो में मिट्टी के बर्तनो के प्रयोग को बढ़ावा मिल सके तथा प्लास्टिक से बने बर्तनों के प्रयोग को रोका जा सके और प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। उन्होनें कहा कि जो कुम्हार इलेक्ट्रानिक चाक चला रहे है और उसे चलाने में पूर्णतयः निपुण है तो ठीक है तथा जिन कुम्हारोें के पास इलेक्ट्रानिक चाक नहीं है उन्हें आसानी से लोन के माध्यम से इलेक्ट्रानिक चाक उपलब्ध हो जायेगा और वे भी इन इलेक्ट्रानिक चाक के माध्यम से अपने कार्यो में तीव्रता ला सकते है। उन्होनें कहा कि जो कुम्हार इलेक्ट्रानिक चाक नही चला सकते है उन्हें ट्रैनिंग दिया जायेगा। वे अपना नाम सम्बन्धित अधिकारी को दे दें तो उन्हें एक सप्ताह के भीतर टैªनिंग दे दिया जायेगा तथा ट्रेनिंग के दौरान इलेक्ट्रानिक चाक के माध्यम से और भी अन्य नये उत्पाद सामाग्री बनाने की भी जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी, जिससे कुम्हार अपने कार्यो के अतिरिक्त और भी माटीकला से सम्बन्धित अन्य सामाग्री बनाने में निपुण हो जायेंगे।
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जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कुम्हार बरसात शुरू होने से पहले मिट्टी से सम्बन्धित सामाग्री बनाने हेतु मिटटी उठवा लें जिससे मिट्टी के बर्तन आदि बनाने में मिट्टी की कोई समस्या न उत्पन्न हो सके। उन्होनें सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक सप्ताह के भीतर उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था पूर्ण कर ली जाये इसी के साथ इनके उत्पादित सामाग्रियों को बेचने हेतु मण्डी की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली जाये जिससे कुम्हार अपने उत्पादित सामाग्री को उस मण्डी में लाकर बेंच सके। इसी के साथ सम्बन्धित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये कि शहर में जिन-जिन दुकानों पर प्लास्टिक के गिलास एवं प्लेटों का प्रयोग हो रहा है उन दुकानों पर छापे मारकर उसे बन्द करवायें जिससे इन कुम्हार के बने हुए कुल्हड़ों और प्यालों की मांग बढ़े और इनके मिट्टी से उत्पादित सामाग्रियों का प्रयोग हो सके और कुम्हार अपने उत्पादित सामाग्रियों को बेंचकर लाभान्वित हो सके। बैठक में मौके पर भी इलेक्ट्रानिक चाक के माध्यम से मिट्टी के पात्र बनाने की सभाकक्ष में उपस्थित कुम्हारों को कुल्हड़, गिलास, गुल्लक आदि बर्तन बनाकर दिखाया गया ।