पत्रिका एक्सक्लूसिव
अनूप कुमार
अयोध्या : मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय तो जरूर ले लिया गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ( neta ji subhash chandra bose ) और गुमनामी बाबा ( gumnami baba ) के रहस्य की जांच करने वाली जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ( Justice Vishnu Sahay Commission ) की रिपोर्ट को विधानसभा में रखकर इसे सार्वजनिक कर दिया जाए .प्रारंभिक तौर पर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज विष्णु सहाय की अध्यक्षता में गठित 1 सदस्य जांच आयोग ने यह भी कह दिया कि सुभाष चंद्र बोस फैजाबाद ( Faizabad ) के गुमनामी बाबा नहीं थे .लेकिन क्या सिर्फ यह कह देने से गुमनामी बाबा के रहस्य से पर्दा उठ गया, सबसे बड़ा सवाल आज भी जिंदा है की अगर फैजाबाद में रहने वाले गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस नहीं थे तो आखिरकार उस शख्स की पहचान क्या थी ,ये सवाल उठाया है सुभाष चन्द्र बोस विचार केंद्र ( Subhash Chandra Bose Vichar Kendra ) के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने .बताते चलें की शक्ति सिंह वही शख्सियत है जिनके घर में गुमनामी बाबा रहा करते थे और अपने जीवन के अंतिम समय में गुमनामी बाबा ने राम भवन ( Ram Bhavan ) के कमरे में अपना वक्त बिताया . तब से लेकर आज तक शक्ति सिंह गुमनामी बाबा की असल पहचान उजागर करने की मांग को लेकर संघर्ष करते चले आए हैं .
अनूप कुमार
अयोध्या : मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय तो जरूर ले लिया गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ( neta ji subhash chandra bose ) और गुमनामी बाबा ( gumnami baba ) के रहस्य की जांच करने वाली जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ( Justice Vishnu Sahay Commission ) की रिपोर्ट को विधानसभा में रखकर इसे सार्वजनिक कर दिया जाए .प्रारंभिक तौर पर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज विष्णु सहाय की अध्यक्षता में गठित 1 सदस्य जांच आयोग ने यह भी कह दिया कि सुभाष चंद्र बोस फैजाबाद ( Faizabad ) के गुमनामी बाबा नहीं थे .लेकिन क्या सिर्फ यह कह देने से गुमनामी बाबा के रहस्य से पर्दा उठ गया, सबसे बड़ा सवाल आज भी जिंदा है की अगर फैजाबाद में रहने वाले गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस नहीं थे तो आखिरकार उस शख्स की पहचान क्या थी ,ये सवाल उठाया है सुभाष चन्द्र बोस विचार केंद्र ( Subhash Chandra Bose Vichar Kendra ) के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने .बताते चलें की शक्ति सिंह वही शख्सियत है जिनके घर में गुमनामी बाबा रहा करते थे और अपने जीवन के अंतिम समय में गुमनामी बाबा ने राम भवन ( Ram Bhavan ) के कमरे में अपना वक्त बिताया . तब से लेकर आज तक शक्ति सिंह गुमनामी बाबा की असल पहचान उजागर करने की मांग को लेकर संघर्ष करते चले आए हैं .
ये भी पढ़ें – बिग ब्रेकिंग : गुमनामी बाबा के नेता जी होने के दावे पर बड़ा खुलासा ,सार्वजनिक होने वाली है जस्टिस सहाय आयोग की रिपोर्ट सुभाष चन्द्र बोस विचार केंद्र के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने कहा सही ढंग से आयोग ने नहीं की गुमनामी बाबा मामले की जांच
पत्रिका टीम ( Patrika.com ) से खास बातचीत करते हुए शक्ति सिंह ने कहा कि जस्टिस सहाय आयोग की इस रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है .न्यायालय ने यह निर्देशित किया था की वैज्ञानिक रूप से आयोग यह बताएं कि आखिरकार गुमनामी बाबा कौन थे और 276 आर्टिकल जिस व्यक्ति के पास से मिले उस व्यक्ति की पहचान क्या थी. जो व्यक्ति जिला प्रशासन और पुलिस की निगरानी में फैजाबाद के राम भवन में रहता था वह व्यक्ति कौन था . इस सवाल से आज भी पर्दा नहीं उठ सका है और हमारा सवाल शुरू से यही रहा कि सरकार और जांच एजेंसियां यह स्पष्ट करें कि गुमनामी बाबा आखिर कौन थे .
ये भी पढ़ें – कारगिल विजय दिवस के सम्मान में डोगरा रेजिमेंटल सेंटर में तीन दिनों तक होंगे भव्य आयोजन शक्ति सिंह ने की मांग जिस व्यक्ति के पास से मिले 276 आर्टिकल उस व्यक्ति की सही पहचान उजागर करे सरकार
शक्ति सिंह ने कहा कि जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी जांच में ना ही कोई डीएनए टेस्ट ( DNA Test ) कराया ना ही कोई वैज्ञानिक परीक्षण . सिर्फ बयानों के आधार पर अपनी रिपोर्ट बना दी और उसमें यह कह दिया कि गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ( Neta Ji Subhash Chandra Bose ) नहीं थे . मेरा कहना है कि हमने पहले भी यह नहीं कहा था कि गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे . हमारा सवाल सिर्फ इतना ही था कि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन से जुड़े तमाम रहस्यों को अपने में समेटे फैजाबाद के ( Faizabad Ram Bhavan ) राम भवन में रहने वाला व्यक्ति आखिरकार कौन था . सरकार और न्यायालय द्वारा गठित जांच एजेंसियां इस रहस्य से पर्दा उठायें . जिस दिन इस रहस्य से पर्दा उठ जाएगा उस दिन यह पता चल जाएगा कि आखिरकार गुमनामी बाबा और नेताजी सुभाष चंद्र बोस में क्या संबंध था . आयोग की जांच रिपोर्ट से हम संतुष्ट नहीं है हमारा सवाल आज भी जिंदा है कि आखिरकार गुमनामी बाबा कौन थे . बताते चलें कि गुमनामी बाबा के जीवन से जुड़े सभी रहस्य अभी सामने आने बाकी हैं हो सकता है रिपोर्ट सार्वजानिक होने के बाद ये स्पष्ट हो सके कि गुमनामी बाबा आखिर थे कौन …