अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Ayodhya Verdict) के बाद राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले और बाद में जिस तरह माहौल तनावमुक्त, सौहार्द व सद्भाव पूर्ण रहा है वैसा ही बना रहे, इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने इस साल विवादित ढांचा विध्वंस की 28वीं बरसी पर शौर्य दिवस न मनाने का निर्णय लिया है। कारसेवक पुरम में प्रभारी शिव दास जी की अध्क्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि हर साल की तरह इस बार 6 दिसंबर को शौर्य यात्रा का कार्यक्रम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 500 सालों से हिंदू समाज जिस राम मंदिर जन्म सिथान के लिये संघर्षरत था, आज उसमें वह शुभ घड़ी आ गई है। मंदिर निर्माण का काम शुरू होने वाला है।
विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि श्री रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसले के बाद अब अयोध्या सहित देश भर में छह दिसंबर को सार्वजनिक रूप से आयोजित होने वाले शौर्य दिवस के कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला पदाधिकारियों ने लिया है। इस दिन मठ मंदिरों और घरों में दीप प्रज्वलित कर मंदिर के पक्ष में आए फैसले को लेकर मौन तौर पर खुशी का इजहार किया जाएगा। साथ ही देश में शान्ति और सद्भाव को बल प्रदान करने का आह्वान किया है।
शरद शर्मा ने कहा कि विहिप नहीं चाहती है कि न्यायालय के इतने बड़े निर्णय को हम दो चार घंटे में सीमित कर दें। छह दिसंबर की घटना हिन्दुओं को सदैव स्वाभिमान और सम्मान का स्मरण कराती रहेगी। भगवान श्रीरामलला के पक्ष में निर्णय का स्वागत देश भर में राम भक्त ने किया है। 9 नवंबर 2019 की तिथि सम्पूर्ण देश के लिए सत्य की विजय के रूप मे स्मरण दिलाता रहेगा। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का समय अब पास ही है। अब रामभक्तों को शौर्य और विजय दिवस रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर में मनाने का शुभ अवसर प्राप्त होगा।
हाजी महबूब बोले- मुस्लिम समाज मनाएगा यौमे-गम विहिप भले ही 6 दिसंबर को शौर्य दिवस न मनाने की बात कह रही हो लेकिन मुस्लिम समाज बाबरी विध्वंस की 28वीं बरसी पर परंपरागत कार्यक्रम यौमे गम का आयोजन करेगा। मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने कहा कि विहिप ने क्या निर्णय लिया, इससे हमें लेना देना नहीं है। हम यौमे गम जरूर मनाएंगे। मंदिर पर फैसले से इस कार्यक्रम पर असर नहीं पड़ेगा। कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद गिराई थी, इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी अपराध माना है।