जब इस मंदिर के निर्माण के लिए नींव की खुदाई हो रही थी। तब सिर्फ बालू ही मिल रहा था। नींव का निर्माण करने के लिए देश के सभी आईआईटी के प्रोफेसर, भूगर्भ वैज्ञानिकों, रॉक विशेषज्ञ ने मिलकर मंथन किया और उसका परिणाम निकला कि यहां पर 40 मीटर तक आर्टिफिशियल रॉक डाला गया। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय अयोध्या उत्सव कार्यक्रम में श्री राम मंदिर को लेकर चर्चा कर रहे थे।
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21 फीट तक डाली गई है ग्रेनाइट
मंदिर की नींव को लेकर 40 मीटर आर्टिफिशियल रॉक डाला गया। उसके बाद 21 फीट तक ग्रेनाइट डाला गया है। उसकी वजह से किसी भी प्रकार की सीलन या पानी नहीं आ सकता है। रसायन शास्त्र के प्रवक्ता रह चुके विश्व हिंदू परिषद के नेता और श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि उत्तरी भारत में ऐसा कोई मंदिर नहीं है जो इस तरह पत्थरों के द्वारा बनाया गया है। दक्षिण भारत के अधिकांश मंदिर पत्थरों से बनाए गए हैं और उनमें परकोटे का इस्तेमाल किया गया है। इस प्रकार राम मंदिर में भी परकोट का प्रयोग किया गया है।
चंपत राय ने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश के घर-घर में दरवाजे पर एक दीपक जलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन अपने-अपने मोहल्ले में स्थित मंदिरों पर भजन कीर्तन सामूहिक रूप से करें।