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भारत के लिए अच्छी बात यह है कि भारत के मित्र राष्ट्र इराक ने इस विषय के महत्व को समझते हुए भारत के शोधकर्ताओं, संस्कृति विभाग और अयोध्या शोध संस्थान को इस विषय पर शोध करने के लिए इराक आमंत्रित किया है और इस सम्बन्ध में पत्र भी लिखा है| उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही शोधकार्ताओं का दल इराक पहुंच कर भगवान राम से जुड़े और तथ्यों की तलाशी करेंगे| प्रतिमाओं के मिलने से भगवान राम का अस्तित्व और पुख्ता होता नज़र आ रहा है, जाहिर तौर पर देश के लिये ये खुशी की बात है कि हमारी संस्कृति पूरी दुनिया में फैली हुई है|
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वहीँ ये खबर जब अयोध्या पहुंची तो संतों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई| अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने कहा कि इसमें कोई चौकने वाली बात नहीं है कि इराक में भगवान राम की प्रतिमा मिली है, वृहत्तर भारत के दायरे में ईद विश्व का बड़ा हिस्सा आता है और इराक ही नहीं और देशों में भी भगवान श्री राम के अस्तित्व के प्रमाण मिलेंगे| जगदगुरु राम दिनेशाचार्य ने कहा कि ये जानकारी प्रसन्नता देने वाली है। ये उन लोगों के गाल पर तमाचा है जो भगवान राम को काल्पनिक बताते चले आये हैं और उनके अस्तित्व पर सवाल उठाते आये हैं। भारत सरकार को इस पर शोध कराना चाहिए| आचार्य सतेन्द्र दास ने कहा कि भगवान तो सर्वव्यापी थे। उस काल में कोई सीमा नहीं थी, न भारत न इरान। पूरा विश्व भगवान राम के पराक्रम को मानता था। प्रतिमा मिलने से स्पष्ट होता है कि भगवान राम के अनुयायी धरती के हर कोने पर हैं|