यह भी पढ़ें : महंगाई के विरोध में सपा का प्रदर्शन, सिर पर सिलेंडर रखकर निकले पूर्व राज्यमंत्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान श्रीराम की एक बहन थी शांता जो चारों भाइयों को रक्षाबंधन बांधी थी यह परंपरा बहुत ही पुरानी है वही परंपरा आज भी चली आ रही है बहुत सी बहने ऐसी है जो भगवान श्रीराम को अपना भाई मानते हैं और रक्षाबंधन को भेजती हैं जिसे रामलला को बांध दिया जाता है वही बताया कि रक्षाबंधन की परंपरा बहुत ही पुरानी है भगवान श्री राम के अवतार से पहले बावन भगवान का अवतार हुआ था। जहां से इस परंपरा की शुरुआत हुई।
यह भी पढ़ें : राम नगरी में 7500 वालंटियर 7.50 लाख दीप जलाकर बनाएंगे वर्ल्ड रिकॉर्ड पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि पुराणों में वर्णित है कि भगवान दशरथ की एक पुत्री शांता थी लेकिन उनके एक मित्र के संतान न होने के कारण अपनी पुत्री शांता को सौंप दिया था। जहां से शांता का विवाह श्रृंगीऋषि के साथ हुआ। जहां से प्रत्येक वर्ष अपने भाई राम लक्ष्मण भरत व शत्रुहन को रक्षासूत्र बांधने अयोध्या आती थी। आज भी इस परंपरा का निर्वाह किया जाता हैं। प्रत्येक वर्ष तमसा नदी के घाट स्थित श्रृंगीऋषि के आश्रम से रक्षाबंधन आता है। जिसे शांता के प्रतीकात्मक रूप में रक्षाबंधन को बांधा जाता है। वही कहा कि श्रृंगी ऋषि ही नहीं अब दर्जनों स्थानों से प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन रामलला को बांधने के लिए आते हैं जिसे विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन के बाद बांधा जाता है।