अयोध्या

राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान होते ही अयोध्या में तेज हुआ विरोध, संतों ने बुलाई आपात बैठक, मोहन भागवत को लेकर भी उठी यह मांग

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन का ऐलान होते ही अयोध्या के संत समाज में इसका जोरदार विरोध शुरू हो गया है…

अयोध्याFeb 06, 2020 / 03:19 pm

नितिन श्रीवास्तव

राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान होते ही अयोध्या में तेज हुआ विरोध, संतों ने बुलाई आपात बैठक, मोहन भागवत को लेकर भी उठी यह मांग मांग

अयोध्या. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन का ऐलान होते ही अयोध्या के संत समाज में इसका जोरदार विरोध शुरू हो गया है। मामले में अयोध्या के संतों ने अहम बैठक बुलाई है। यह बैठक राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आवास मणिराम राम दास छावनी में होगी। महंत नृत्य गोपाल दास के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में अयोध्या के संत आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

बैठक में आगे की रणनीति पर फैसला

दरअसल राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने आरोप लगाया है कि अयोध्या के वासी संत-महंतों का अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया, उनका इस ट्रस्ट में कहीं कोई नामो-निशान नहीं है। नृत्य गोपाल दास ने कहा कि जो ट्रस्ट बना है, उसमें अयोध्या के संतों और महंतों की अवहेलना हुई है। संत समाज की बैठक में हम आगे की रणनीति पर निर्णय लेंगे।
वैष्णव समाज के संतों का अपमान

वहीं इससे पहले महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास ने भी ट्रस्ट को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम इस ट्रस्ट को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इस ट्रस्ट में वैष्णव समाज के संतों का अपमान किया गया है। इसके अलावा उन्होंने ट्रस्ट के गठन पर पुनर्विचार न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी। ट्रस्ट में शामिल हुए अयोध्या राजपरिवार के विमलेश मोहन प्रताप मिश्रा को उन्होंने राजनीतिक व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि वह तो बीएसपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। इनका राम जन्म भूमि से कोई लेना-देना नहीं रहा है। ऐसे लोगों को क्यों राम जन्मभूमि ट्रस्ट में जगह दी गई। कमल नयन दास ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के समय ही कानून बना था कि वैष्णव ही राम जन्म भूमि का अध्यक्ष होगा।

संघ प्रमुख मोहन भागवत को ट्रस्ट का परम अध्यक्ष बनाये जाने की मांग

वहीं दूसरी तरफ सरकार के ट्रस्ट गठन के फैसले से नाराज होकर अयोध्या में तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास बिलारीडीह शिव मंदिर पर अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठ गए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को ट्रस्ट का परम अध्यक्ष बनाये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक संघ प्रमुख को ट्रस्ट का अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा, तब तक वे अनशन पर रहेंगे। परमानंद दास का कहना है राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा का वह स्वागत करते हैं।लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत को ट्रस्ट के ऊपर रखा जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि आरएसएस राष्ट्रवादी विचारधारा रखता है, संघ प्रमुख का सम्मान होना चाहिए।
ऐसा होगा ट्रस्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के नाम का ऐलान किया था। भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के अध्यक्ष व इसके स्वरूप की घोषणा कर दी गई है। ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे, जिसमें 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे यह ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराएगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के परासरण होंगे। ट्रस्ट में एक दलित शख्स को भी जगह दी गई है। ट्रस्ट अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण करवाएगा।
ट्रस्टियों की पूरी सूची

– के.परासरण ट्रस्ट के अध्यक्ष।

– शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज, सदस्य।

– परमानंद जीमहाराज हरिद्वार, सदस्य।

– स्वामी गोविंदगिरी जी पुणे, सदस्य।

– विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, सदस्य
– डॉ.अनिल मिश्रा होम्योपैथिक डॉक्टर, अयोध्या, सदस्य

– डॉ. कमलेश्वर चौपाल पटना, सदस्य

– महंत धीनेंद्र दास निर्मोही अखाड़ा, सदस्य

– डीएम अयोध्या ट्रस्ट के संयोजक सदस्य

– ट्रस्ट में छह सदस्य नामित होंगे जिन्हें बोर्ड ऑफ ट्रस्ट नामित करेगा।
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