सत्येंद्र दास ने कहा कि विवाद बहुत रहा और एनसीईआरटी ने सारे विवाद को हटा दिया। इसमें केवल वही तथ्य सामने लाए हैंं, जो ज्ञानवर्धक हैं। इसकाे पढ़कर छात्र जान सकेंगे कि राम मंदिर क्या है? राम मंदिर का पहले क्या स्वरूप था और अब क्या है? इस नजरिये से यह पुस्तक लिखी गई है।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी दी प्रतिक्रिया
वहीं, बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है। पूरे देश के मुसलमानों ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। कोर्ट के फैसले के बाद देश में एक पत्ता नही हिला। सरकार ने जो भी काम किया है, बेहतर किया है। हम ये चाहते हैं कि हमारे देश में ऐसी कोई चीज न पढ़ाई जाए और न बताई जाए, जिससे अफरातफरी का माहौल हो। हम एनसीईआरटी के फैसले का स्वागत करते हैं।
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