अयोध्या के नवनिर्माण कार्य के लिए काटे गए पेड़ों की जगह वन विभाग ने 38 लाख से ज़्यादा पेड़/पौधे लगाने का एक्शन प्लान भी तैयार किया है। आने वाले दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर में रामलला का दर्शन करने जब दर्शनार्थी जाएंगे तो उनको गर्मी कम लगेगी।साथ ही हरियाली ज़्यादा होने से वो सुकून महसूस कर सकेंगे।
अयोध्या को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के लिए ग्रीन फंड बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।योगी सरकार ने इसकी पहल की है। इसके तहत लोगों से अंशदान भी लिया जाएगा जिससे अयोध्या के नव निर्माण और विकास से आम लोग भी जुड़ सकें। ग्रीन फंड की योजना के तहत स्वयंसेवी संस्थाएं और दूसरी संस्थाएं और व्यक्ति समूह भी इसमें योगदान दे सकते हैं।
राम नगरी अयोध्या में पिछले कुछ समय से निर्माण कार्य बड़ी संख्या में हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद भव्य राममंदिर का निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई तो अब भी राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है।इसके साथ ही राम मंदिर तक पहुंचने के लिए राम पथ, जन्मभूमि पथ, धर्म पथ और भक्ति पथ का निर्माण भी किया गया है।
अयोध्या में दर्शनार्थियों और पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। ऐसे में अयोध्या विकास प्राधिकरण ने ग्रीन फंड के ज़रिए अयोध्या को संवारने की पहल की है।अयोध्या के लिए ‘ग्रीन फंड’ के तहत एक फंड बनाया जा रहा है।इसके तहत अयोध्या में सार्वजनिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा।CSR के तहत कम्पनियां भी योगदान दे सकती हैं। ग्रीन फंड से अयोध्या में पौधारोपण के अलावा जल संरक्षण और अयोध्या के अलग-अलग जगह लैंडस्केपिंग की जाएगी।
अयोध्या के ग्रीन फंड को संचालित करने के लिए कमेटी बनायी गई है।अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल की अध्यक्षता में ये कमेटी है जिसमें ज़िलाधिकारी, नगर आयुक्त, अयोध्या विकास प्राधिकरण के वीसी, डीएफ़ओ और मिला उद्यान शामिल हैं। अयोध्या में सुनियोजित तरीक़े से पौधारोपण के लिए इस ग्रीन फंड का प्रयोग होगा।
आम लोग ग्रीन फंड में अंशदान कर अयोध्या के विकास से जुड़ सकते हैं।इसके लिए सबसे पहले शहर के कई प्रबुद्ध लोग और अयोध्या विकास प्राधिकरण के कर्मचारी अंशदान कर चुके हैं।CSR के तहत भी इसमें भागीदारी की जा सकती है।
अयोध्या में वन विभाग भी पड़े पैमाने पर पौधारोपण करने वाला है. जुलाई में पौधारोपण का काम शुरू हो जाएगा।38 लाख से ज़्यादा पौधे लगाने की योजना तैयार की गई है। इसमें ज़्यादातर पौधे छायादार और ऑक्सीज़न वाले होंगे। रामपथ और परिक्रमा मार्ग को चौड़ा करने के लिए वृक्ष काटे गए थे। उनकी जगह नियमानुसार वृक्ष लगाए जाएंगे, साथ ही व्यापक पैमाने पर और वृक्ष भी लगाए जाएंगे।