अयोध्या. अब श्रीरामलला (Ramlala) भी प्रतिदिन नई-नई डिजाइनर पोशाक पहनेंगे। वसंत पंचमी (Vasant Panchami) के मौके पर श्री रामलला को लोकप्रिय फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी (Manish Tripathi) द्वारा भेंट किए गए खादी के पीले रंग के कपड़े पहनाए गए। ऐसे ही अब हर रोज भगवान राम को नए-नए कपड़े पहनाए जाएंगे। खादी वस्त्र को देश भर में बढ़ावा देने के लिए भी श्रीराम लला से इसकी शुरुआत की गई है। श्रीराम को पहनाई गई यह पोशाक पहले सोमवार को डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने सीएम योगी से मिलकर उन्हें भेंट की। मंगलवार को रामलला के प्रथम बेला का दर्शन समाप्त होने के बाद की जाने वाली आरती में रामलला को यह पोशाक पहनाई गई।
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श्रीराम लला के लिए यह पोशाक वसन्त पंचमी पर्व व सप्ताह के प्रत्येक दिन के हिसाब से अलग-अलग रंगों में बनाई गई है। रामलला के दरबार में पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक वसंत पंचमी का परिधान का रंग पीला है। इसलिए रामलला को पीले रंग में डिजाइन की गई खादी की पोशाक को पहनाया गया है। अब रामलला को अलग-अलग दिनों के हिसाब से अलग-अलग रंगों की यह पोशाक पहनाई जाएंगी। यह बहुत ही सुंदर व आकर्षित करने वाली हैं।
श्रीराम लला के लिए यह पोशाक वसन्त पंचमी पर्व व सप्ताह के प्रत्येक दिन के हिसाब से अलग-अलग रंगों में बनाई गई है। रामलला के दरबार में पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक वसंत पंचमी का परिधान का रंग पीला है। इसलिए रामलला को पीले रंग में डिजाइन की गई खादी की पोशाक को पहनाया गया है। अब रामलला को अलग-अलग दिनों के हिसाब से अलग-अलग रंगों की यह पोशाक पहनाई जाएंगी। यह बहुत ही सुंदर व आकर्षित करने वाली हैं।
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प्रोजेक्ट ‘रामलला’ लॉन्च-
मनीष त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड (Khadi Gramodhyog) के सहयोग से प्रोजेक्ट ‘रामलला’ (Project Ramlal) लॉन्च किया जा रहा है। इस सिलसिले में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adiyanath) को पोशाक दिखाई व अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल (Navneet Sahgal) से भी मुलाकात भी की। मनीष ने भगवान राम को पॉलीएस्टर के परिधान पहनाने के पीछे की सोच व्यक्त करते हुए बताया कि कोविड काल में हमने महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए शहर से गांव तक प्रोजेक्ट शुरू किया था। लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया। इस बीच अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की नींव रखी गई। ऐसे में एक दिन यूं ही खयाल आया कि भगवान को पॉलीएस्टर (Polyster) के परिधान क्यों पहनाए जाएं, जबकि हम खुद पहनना कभी पसंद नहीं करेंगे। इसी उधेड़बुन में खादी मास्क के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया, तब लगा कि खादी को हर घर तक पहुंचाने के लिए क्यों न शुरुआत रामलला से की जाए। खादी हो या इसे बुनने वाले या फिर परिधान तैयार करने वालों में हर धर्म के लोग जुड़े हैं। सर्वधर्म समभाव का प्रतीक भी है खादी।
प्रोजेक्ट ‘रामलला’ लॉन्च-
मनीष त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड (Khadi Gramodhyog) के सहयोग से प्रोजेक्ट ‘रामलला’ (Project Ramlal) लॉन्च किया जा रहा है। इस सिलसिले में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adiyanath) को पोशाक दिखाई व अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल (Navneet Sahgal) से भी मुलाकात भी की। मनीष ने भगवान राम को पॉलीएस्टर के परिधान पहनाने के पीछे की सोच व्यक्त करते हुए बताया कि कोविड काल में हमने महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए शहर से गांव तक प्रोजेक्ट शुरू किया था। लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया। इस बीच अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की नींव रखी गई। ऐसे में एक दिन यूं ही खयाल आया कि भगवान को पॉलीएस्टर (Polyster) के परिधान क्यों पहनाए जाएं, जबकि हम खुद पहनना कभी पसंद नहीं करेंगे। इसी उधेड़बुन में खादी मास्क के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया, तब लगा कि खादी को हर घर तक पहुंचाने के लिए क्यों न शुरुआत रामलला से की जाए। खादी हो या इसे बुनने वाले या फिर परिधान तैयार करने वालों में हर धर्म के लोग जुड़े हैं। सर्वधर्म समभाव का प्रतीक भी है खादी।
भगवान राम से सभी का जुड़ाव हैः मनीष
मनीष ने आगे बताया कि है कि भगवान राम से सभी लोग जुड़ाव महसूस करते हैं। प्रोजेक्ट ‘रामलला’ को बढ़ावा देंगे तो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा। जब हमारे अराध्य देव ही खादी के कपड़े पहनेंगे तो लोग भी इसे पहनने के लिए प्रेरित होंगे। मांग बढ़ेगी तो बाजार खड़ा होगा। वहीं कोविड काल जैसी पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों से जंग लड़ने में हमारे पास स्वरोजगार का एक और मजबूत हथियार होगा। उन्होंने वसंत पंचमी के मौके पर एक सप्ताह के लिए अलग-अलग रंग की पोशाक समर्पित की गई है। इसे शहर से गांव तक प्रोजेक्ट से जुड़ी महिला कारीगरों व शिल्पकारों ने तैयार की है।
मनीष ने आगे बताया कि है कि भगवान राम से सभी लोग जुड़ाव महसूस करते हैं। प्रोजेक्ट ‘रामलला’ को बढ़ावा देंगे तो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा। जब हमारे अराध्य देव ही खादी के कपड़े पहनेंगे तो लोग भी इसे पहनने के लिए प्रेरित होंगे। मांग बढ़ेगी तो बाजार खड़ा होगा। वहीं कोविड काल जैसी पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों से जंग लड़ने में हमारे पास स्वरोजगार का एक और मजबूत हथियार होगा। उन्होंने वसंत पंचमी के मौके पर एक सप्ताह के लिए अलग-अलग रंग की पोशाक समर्पित की गई है। इसे शहर से गांव तक प्रोजेक्ट से जुड़ी महिला कारीगरों व शिल्पकारों ने तैयार की है।