अयोध्या

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर होगा राम मंदिर, मंदिर के नक्शे में बदलाव, अब इस तरह होगा निर्माण

अयोध्या में भूमिपूजन की तस्वीर साफ हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 5 अगस्त को अयोध्या आएंगे और यहां करीब ढाई घंटे तक रहेंगे। भूमिपूजन के साथ ही राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण की तस्वीर भी साफ हो गई है। मंदिर के नक्शे और ऊंचाई में बदलाव किया गया है

अयोध्याJul 19, 2020 / 01:30 pm

Karishma Lalwani

राम मंदिर के नक्शे और ऊंचाई में बदलाव, होगा दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर

राम मंदिर के नक्शे और ऊंचाई में बदलाव, होगा दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर

अयोध्या. अयोध्या में भूमिपूजन की तस्वीर साफ हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 5 अगस्त को अयोध्या आएंगे और यहां करीब ढाई घंटे तक रहेंगे। भूमिपूजन के साथ ही राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण की तस्वीर भी साफ हो गई है। मंदिर के नक्शे और ऊंचाई में बदलाव किया गया है। यह तय किया गया है कि मंदिर में तीन की जगह पांच गुबंद बनाए जाएंगे। प्रस्तावित मॉडल के मुताबिक 2.75 लाख घन मीटर भू-भाग पर बनने वाला राम मंदिर दो मंजिल का होगा। मंदिर की लंबाई 270 फुट, चौड़ाई 140 फुट और ऊंचाई 128 फुट होगी। बता दें कि इतना भव्य मंदिर बनने वाला राम मंदिर दुनिया का पहला सबसे बड़ा मंदिर नहीं है। विश्व का सबसे बड़ा और भव्य मंदिर विदेश में है। यह कंबोडिया में स्थापित अंकोरवाट मंदिर है जिसकी 213 फीट है। हालांकि, 67 एकड़ में प्रस्तावित अयोध्या के राम मंदिर का दायरा बढ़ सकता है। लेकिन उससे पहले एक नजर डालते हैं विश्व के बड़े मंदिरों पर।
अंकोरवाट मंदिर

अंकोरवाट मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है। यह 401 एकड़ में बना मंदिर है। इसे मूल रूप से खमेर साम्राज्य में भगवान विष्णु के एक हिंदू मंदिर के रूप में बनाया गया था। यह मन्दिर मेरु पर्वत का भी प्रतीक है। मीकांग नदी के किनारे सिमरिप शहर में बना यह मंदिर संसार का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।
श्रीरंगनाथ मंदिर

तमिलनाडू में बने श्रीरंगनाथ मंदिर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु को समर्पित यह भव्य मंदिर भारत के तमिलनाडु प्रांत के तिरुचिरापल्ली जिले में श्रीरंगम में स्थित है इसीलिए इसे श्रीरंगनाथम स्वामी मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर अपनी बहुरंगीय इमारत और द्रविड़ शैली की वस्तुकला के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह मंदिर 155.9 एकड़ में फैला हुआ है।
अक्षरधाम मंदिर

दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर दुनिया का तीसरी सबसे बड़ा मंदिर है। ये मंदिर मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय के सबसे बड़े प्रतीकों में शुमार है। यह लगभग 2,40,000 वर्गमीटर (लगभग 59.3 एकड़) एरिया में बना हुआ।
थिल्लई नटराज मंदिर

तमिलनाडू के चिदंबरम में बना चिदंबरम मंदिर भगवान शिव की आस्था के लिए पूरे विश्व में फेमस है। इसे भगवान शिव का नटराज मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर में शिव मूर्ति की खासियत यह है कि यहां नटराज आभूषणों से लदे हुए हैं। ऐसी शिव मूर्तियां भारत में कम ही देखने को मिलती हैं। इस मंदिर की बनावट भी खास है। यह अनोखा मंदिर 106,000 वर्ग मीटर (लगभग 39 एकड़) में बना है।
बेलूर मठ

कलकत्ता के हुगली नदी के किनारे स्थापित बेलूर मठ को दुनिया के विशालतम मंदिरों में गिना जाता है। स्वामी विवेकानंद के बुनियादी सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का काम आज भी कर रहा है। यहा मां आद्याकाली की पूजा होती है। यह लगभग 39 एकड़ के क्षेत्र में फैला है।
बृहदेश्वर मंदिर

तमिलनाडु के तंजौर का बृहदेश्वर मंदिर भी वास्तुकला का नायाब नमूना है। यह विश्व में अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह शिव मंदिर करीब 1000 साल पहले राजाराज चोला प्रथम के नेतृत्व में बनाया गया था। यह लगभग लगभग 25 एकड़ में स्थित है।
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