ये भी पढ़ें- एशिया का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल बनेगी अयोध्या, मिलेंगी चौड़ी सड़कें, शहर के अंदर चलेगी इलेक्ट्रिक कार्ट दर्जनों आर्किटेक्ट एजेंसियां पेश कर रही कुशलता का प्रदर्शन- मंदिर में लगने वाले पत्थरों की तराशी के लिए देश भर के दर्जनों आर्किटेक्ट एजेंसियां अपनी कार्य कुशलता की पेशकश दे रही हैं। दूसरी तरफ राजस्थान के भरतपुर बंसी पहाड़पुर से पत्थरों को लाए जाने की कोशिश तेज कर दी गई है। आर्किटेक्ट की मानें, तो राजस्थान सरकार की अनुमति मिलते ही पत्थरों को लाने का क्रम शुरू हो जाएगा, लेकिन उससे पहले पत्थरों को तराशने वाली एजेंसी को तैयार किया जाना है।
ये भी पढ़ें- Weather Alert: तीन दिनों के लिए yellow alert जारी, 31 दिसंबर को पड़ेगा काफी घना कोहरा पत्थरों का नाप लिया जा रहा- पत्रिका टीम से खास बातचीत में मंदिर निर्माण के आर्किटेक्ट आशीष सोनपुरा ने बताया कि वर्तमान में कार्यशाला में मौजूद तराशे गए पत्थरों का नाप लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में भूतल के लिए 45 प्रतिशत का कार्य किया जा चुका है। बाकी कार्यों को पूरा करने की तैयारी की जा रही है। मंदिर निर्माण के लिए लगभग 8 माह में फाउंडेशन बनाए जाने का कार्य कर पूरा हो जाएगा। इस दौरान मंदिर के भूतल भाग को तैयार करने के लिए बाकी 55 प्रतिशत कार्य को भी पूरा किया जा सके, इसके लिए जल्द कार्यशाला शुरू की जाएगी।
उन्होंने आगे बताया कि कार्य को शुरू किए जाने के लिए 5 जनवरी को अयोध्या में बैठक होगी जिसमें एजेंसी पर फैसला लिया जाएगा। साथ ही बताया कि कार्यशाला के लिए राम जन्मभूमि परिसर में तराशी कराए जाने के साथ राम घाट क्षेत्र स्थित कार्यशाला में भी कार्य किया जाएगा।