अयोध्या में राम मंदिर को बनाए जाने का काम अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। गुरुवार को दो शालिग्राम शिला अयोध्या पहुंची हैं। 31 टन और 15 टन वजन की इन शिला को नेपाल से लाया गया है।
इन दोनों शालिग्राम को ट्रकों पर लादकर एक सप्ताह में 1,000 किलोमीटर की यात्रा के बाद अयोध्या लाया गया है। जैसे ही ये शिला नेपाल से चलीं इनको देखने वालों की एक भीड़ रास्ते के किनारे देखी गई। लोग बेहद श्रद्धा भाव से इनको देखकर हाथ जोड़ते रहे।
नेपाल से गोरखपुर के रास्ते अयोध्या तक आईं शालिग्राम शिला के साधु-संतों की ओर से स्वागत और पूजा की वजह इनका इतिहास है। नेपाल के गंडकी तट पर मिलते हैं शालिग्राम राम मंदिर निर्माण के लिए देश के कई राज्यों के साथ-साथ नेपाल से भी खास पत्थर मंगाए जा रहे हैं। शालिग्राम पत्थर नेपाल के गंडकी तट पर पाए जाते हैं। इनको बहुत अच्छा और हिन्दू धर्म में बहुत महत्व का माना जाता है।
शालिग्राम की हिन्दू धर्म में कितनी मान्यता है, इसका अंदाजास इससे लगाया जा सकता है कि 24 तरह के शालिग्राम की पूजा विष्णु के अवतार के तौर पर की जाती है। 6 करोड़ साल पुरानी है ये शिलाग्राम नेपाल के गंडकी नदी से निकली जो शिलाग्राम अयोध्या आई हैं, वो करीब 6 करोड़ साल पुरानी है। इन्ही ही शिलाओं को तराशकर रामलला की मूर्ति तैयार करने का दावा किया जा रहा है। जिसके लिए दुनिया के बेहतरीन कारीगर बुलाए गए हैं।
श्रीराम के सात-साथ लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियां भी इन्हीं शिलाओं से बनाई जाएंगी। रामजन्मभूमि परिसर में शिलाओं को रखने के खास इंतजाम किए गए हैं। अगले साल तक तैयार हो सकता है राम मंदिर राम मंदिर को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि 2024 में ये तैयार हो जाएगा। ट्रस्ट का भी ये कहना है कि अगले साल, यानी 2024 की जनवरी में भगवान राम अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे।
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