कैसा होगा राम मंदिर
राम मंदिर का क्षेत्रफल 84600 वर्गफीट होगा। यह 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा होगा। गर्भग्रह और रंगमंडप के बीच गूढ़ मंडप होगा। दायें-बाएं अलग-अलग कीर्तन व प्रार्थना मंडप होगा। मंदिर में कुल छह शिखर होंगे। एक मुख्य और पांच उपशिखर होंगे। मंदिर तीन तल का होगा। प्रत्येक तल पर 8 फीट व्यास वाले 106 स्तम्भ होंगे जो 14 से 16 फीट तक ऊंचे और आठ फीट व्यास वाले होंगे। प्रत्येक स्तम्भ यक्ष-यक्षणियों की 16 मूर्तियां होंगी। मंदिर में रामलला साढ़े नौ किलो चांदी से निर्मित सिंहासन पर विराजमान होंगे। भाइयों के लिए भी रजत सिंहासन बनेगा। मंदिर में तीन लाख टन बलुआ पत्थर लगेगा।
राम मंदिर का क्षेत्रफल 84600 वर्गफीट होगा। यह 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा होगा। गर्भग्रह और रंगमंडप के बीच गूढ़ मंडप होगा। दायें-बाएं अलग-अलग कीर्तन व प्रार्थना मंडप होगा। मंदिर में कुल छह शिखर होंगे। एक मुख्य और पांच उपशिखर होंगे। मंदिर तीन तल का होगा। प्रत्येक तल पर 8 फीट व्यास वाले 106 स्तम्भ होंगे जो 14 से 16 फीट तक ऊंचे और आठ फीट व्यास वाले होंगे। प्रत्येक स्तम्भ यक्ष-यक्षणियों की 16 मूर्तियां होंगी। मंदिर में रामलला साढ़े नौ किलो चांदी से निर्मित सिंहासन पर विराजमान होंगे। भाइयों के लिए भी रजत सिंहासन बनेगा। मंदिर में तीन लाख टन बलुआ पत्थर लगेगा।
राम की प्रतिमा
अयोध्या में लगने वाली कोदंड राम की 251 फीट उंची प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगा जो माझा बरहटा में लगेगी। इसके लिए 83 हेक्टेयर भूमि का चयन किया जा चुका है। अभी तक चीन में गौतमबुद्ध की मूर्ति विश्व में सबसे ऊंची है जिसकी ऊंचाई 208 मीटर है। मूर्ति में अनेक विशेषताएं होंगी। इसमें 20 मीटर ऊंचा चक्र होगा। मूर्ति 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी होगी। बेस के नीचे ही भव्य म्यूजियम होगा। जहां टेक्नोलॉजी के जरिये भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया जाएगा। यहां डिजिटल म्यूजियम, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग, लाइब्रेरी, रामायण काल की गैलरी आदि भी बनाई जाएंगी।
अयोध्या में लगने वाली कोदंड राम की 251 फीट उंची प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगा जो माझा बरहटा में लगेगी। इसके लिए 83 हेक्टेयर भूमि का चयन किया जा चुका है। अभी तक चीन में गौतमबुद्ध की मूर्ति विश्व में सबसे ऊंची है जिसकी ऊंचाई 208 मीटर है। मूर्ति में अनेक विशेषताएं होंगी। इसमें 20 मीटर ऊंचा चक्र होगा। मूर्ति 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी होगी। बेस के नीचे ही भव्य म्यूजियम होगा। जहां टेक्नोलॉजी के जरिये भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया जाएगा। यहां डिजिटल म्यूजियम, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग, लाइब्रेरी, रामायण काल की गैलरी आदि भी बनाई जाएंगी।
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नव्य अयोध्या
अयोध्या से 10 किलोमीटर दूर शाहनेवाजपुर गांव के निकट 400 हेक्टेयर में नव्य अयोध्या बसाई जा रही है। यहां 500 एकड़ में हाईटेक टाउनशिप बसेगी, जिसमें फाइव स्टार होटल्स, रिवर साइड रिजॉर्ट, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स, आवासीय और व्यवासायिक प्लाट्स होंगे। सरयू में क्रूज भी चलेंगे। इसके अलावा बेहतरीन सड़कें, अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम और अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिक वायर लोगों को बसने को प्रेरित करेंगी। इसके अलावा सरयू किनारे स्टूडियो अपार्टमेंट बनेंगे जहां लोग जीवन के आखिरी समय में रहना पसंद करेंगे। कुछ खास धनराशि देकर लोग फ्लैट्स को अपने नाम पर लिया जा सकेगा। हालांकि, संबंधित के निधन के बाद यह ट्रस्ट की संपत्ति होगी। राम वन गमन मार्ग से इसका लिंक होना पर्यटकों के लिए अतिरिक्त आकर्षण होगा। यह पूरा प्रोजेक्ट पूरा करने में करीब 1200 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
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अयोध्या से गुजरेगी सिक्स लेन रोड और अंतराराष्ट्रीय एयरपोर्ट
रामनगरी अयोध्या लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर जैसे बड़े शहरों से जुड़ी है। यहां अभी एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन नई अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की तैयारी है। फैजाबाद तक हवाई सफर के याथ यहां पहुंचा जा सकता है। लखनऊ एयरपोर्ट भी यहां से 150 किमी दूर है। इसके अलावा लखनऊ से गोरखपुर तक छह लेन रोड बन रही है, जो अयोध्या होकर गुजरेगी। हाईवे तक जाने के लिए शहर में एक ओवरब्रिज बनेगा। इसके अलावा सहादतगंज से अयोध्या तक फोरलेन होगा। अभी तक अयोध्या में एक भी फोरलेन नहीं है।