श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी परमानंद जी महाराज ने पत्रिका से खास बातचीत में बताया कि संभव है 5 अगस्त को मंदिर की आधारशिला रखी जाए। लेकिन, इसकी घोषणा ट्रस्ट ही करेगा। ट्रस्ट की कोशिश है कि पीएम मोदी भूमिपूजन में शामिल हों। और इसे भव्य रूप दिया जाए। उन्होंने कहा जब बादशाहों ने मंदिर गिराया, तो अब के बादशाह पीएम मोदी ही मंदिर बनने की शुरुआत करें। इससे अच्छा क्या हो सकता है। हालांकि, पीएम मोदी के इसमें शामिल होने पर अब भी संदेह बरकरार है। स्वामी परमानंद जी महाराज ने कहा कि चर्चा का मुख्य विषय मंदिर निर्माण की तारीख ही है। भूमि पूजन होते ही मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। मंदिर मॉडल पर चर्चा हुई। बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के साथ ट्रस्ट के 12 सदस्य मौजूद हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी व राम जन्म भूमि सुरक्षा सलाहकार केके शर्मा भी बैठक में शामिल हुए। खबर लिखे जाने तक ट्रस्ट की बैठक जारी थी।
बैठक में न बुलाए जाने से महंत नृत्य गोपाल दास नाराज
राम मंदिर निर्माण के लिए आयोजित ट्रस्ट की बैठक में ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को शामिल नहीं किया गया। इससे वह काफी नाराज़ हैं। उन्होंने कहा हमें बैठक के एजेंडे को लेकर कोई जानकारी नहीं है। बताया गया कि ट्रस्ट महासचिव चंपत राय महंत नृत्य गोपाल दास को बैठक की जानकारी देना ही भूल गए। अध्यक्ष की नाराजगी का पता जब चंपत राय को चला तब वह मणिराम दास जी की छावनी में उन्हें मनाने पहुंचे। उन्होंने महंत नृत्य गोपाल दास से अपनी गलती मानने के साथ क्षमा भी मांगी है। बाद में मणि दास छावनी में महंत के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा अब महंत जी की नाराज नहीं हैं। बैठक से दो दिन पहले 16 जुलाई को ट्रस्ट के पदाधिकारियों की मौजूदगी में सर्किट हाउस में अनौपचारिक बैठक में एजेंडा तय हो चुका था। इसकी जानकारी महंत को है।
राम मंदिर निर्माण के लिए आयोजित ट्रस्ट की बैठक में ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को शामिल नहीं किया गया। इससे वह काफी नाराज़ हैं। उन्होंने कहा हमें बैठक के एजेंडे को लेकर कोई जानकारी नहीं है। बताया गया कि ट्रस्ट महासचिव चंपत राय महंत नृत्य गोपाल दास को बैठक की जानकारी देना ही भूल गए। अध्यक्ष की नाराजगी का पता जब चंपत राय को चला तब वह मणिराम दास जी की छावनी में उन्हें मनाने पहुंचे। उन्होंने महंत नृत्य गोपाल दास से अपनी गलती मानने के साथ क्षमा भी मांगी है। बाद में मणि दास छावनी में महंत के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा अब महंत जी की नाराज नहीं हैं। बैठक से दो दिन पहले 16 जुलाई को ट्रस्ट के पदाधिकारियों की मौजूदगी में सर्किट हाउस में अनौपचारिक बैठक में एजेंडा तय हो चुका था। इसकी जानकारी महंत को है।