ये भी पढ़ें – सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान के अधिवक्ता ने कहा जिस तरह मुसलमानों के लिए मक्का वैसे ही हिन्दुओं के लिए अयोध्या सुप्रीम कोर्ट में चल रही राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद केस की नियमित सुनवाई का दसवां दिन
अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कोर्ट के समक्ष कहा कि आज से पूर्व हुई मुकदमे की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता परासरण और वैद्यनाथन द्वारा दिए गए उन तर्कों से सहमत हैं जो यह साबित करते हैं कि उक्त भूमि खुद में देवभूमि है और भगवान राम के उपासक होने के कारण वहां पर पूजा अर्चना करना उनका अधिकार है , जिसे हटाया नहीं जा सकता .यह वही स्थान है जहां भगवान राम का जन्म हुआ था और वह उसी स्थान पर पूजा करने का अधिकार मांग रहे हैं . दसवें दिन की सुनवाई के दौरान सबसे अहम तथ्य के रूप में गोपाल सिंह विशारद के अधिवक्ता रंजीत कुमार ने संविधान पीठ के सदस्यों के समक्ष कुछ मुसलमानों द्वारा फैजाबाद जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष 1950 में दायर किए गए हलफनामे को पेश किया जिसमें सभी ने कहा है कि विवादित जमीन ( Ram Janm Bhoomi ) पर मंदिर था और उसे मस्जिद बनाने के लिए तोड़ा गया .