शुरू हुई पंचकोसी परिक्रमा
देवउठनी एकादशी पर पंचकोसी परिक्रमा में अधिकांश श्रद्धालु नंगे पांव कीर्तन करते हुए 15 किलोमीटर की इस परिक्रमा को पूरा करेंगे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ, श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए बाहरी वाहनों की नो एंट्री को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।
देवउठनी एकादशी पर पंचकोसी परिक्रमा में अधिकांश श्रद्धालु नंगे पांव कीर्तन करते हुए 15 किलोमीटर की इस परिक्रमा को पूरा करेंगे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ, श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए बाहरी वाहनों की नो एंट्री को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।
सुरक्षा में कड़े इंतजाम
सुरक्षा के लिए प्रशासन ने हेल्थ कैंप, विश्राम स्थल, और सीसीटीवी से निगरानी का इंतजाम किया है। साथ ही, परिक्रमा मार्ग पर बालू डालवाया गई है ताकि श्रद्धालुओं के पैर में कंकर-पत्थर न लगें।
पुलिस बल की तैनाती
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। पूरी परिक्रमा की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है साथ ही हाईवे पर रूट डाइवर्जन किया गया है। सुरक्षा के लिए जल पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात की गई हैं।
सुरक्षा के लिए प्रशासन ने हेल्थ कैंप, विश्राम स्थल, और सीसीटीवी से निगरानी का इंतजाम किया है। साथ ही, परिक्रमा मार्ग पर बालू डालवाया गई है ताकि श्रद्धालुओं के पैर में कंकर-पत्थर न लगें।
यह भी पढ़ें
यूपी में बढ़ती ठंड के साथ घना हुआ कोहरा, एक्यूआई पहुंचा 391 पार
पुलिस बल की तैनाती
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। पूरी परिक्रमा की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है साथ ही हाईवे पर रूट डाइवर्जन किया गया है। सुरक्षा के लिए जल पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात की गई हैं।
परिक्रमा का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यता है कि परिक्रमा के रास्ते पर एक पग चलने से पूर्व जन्म के तमाम पाप धुल जाते हैं और यह मनोकामनाएं पूरी करने का माध्यम है। अयोध्या की परिक्रमा का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यहां की परिक्रमा में अयोध्या के पांच हजार से अधिक मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी और ऋषियों-मुनियों के स्थलों की परिक्रमा एक ही बार में पूरी कर लेना है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। पत्रिका इसकी पुष्टि नहीं करता है)
धार्मिक मान्यता है कि परिक्रमा के रास्ते पर एक पग चलने से पूर्व जन्म के तमाम पाप धुल जाते हैं और यह मनोकामनाएं पूरी करने का माध्यम है। अयोध्या की परिक्रमा का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यहां की परिक्रमा में अयोध्या के पांच हजार से अधिक मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी और ऋषियों-मुनियों के स्थलों की परिक्रमा एक ही बार में पूरी कर लेना है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। पत्रिका इसकी पुष्टि नहीं करता है)