हनुमानगढ़ी
हनुमानगढ़ी का निर्माण एक किले की आकृति में हुआ है। 76 सीढ़ियाँ चढ़ कर यहां पहुंचा जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि यह वह स्थान है जहां हनुमान जी एक गुफा में रहकर अयोध्या नगर की रक्षा करते थे। इस मंदिर में हनुमान जी की एक सोने की प्रतिमा स्थापित है। हनुमानगढ़ी मंदिर के खुलने का समय सुबह 4 बजे से रात 10 तक है। राम मंदिर से इसकी दूरी 500 मीटर।
हनुमानगढ़ी का निर्माण एक किले की आकृति में हुआ है। 76 सीढ़ियाँ चढ़ कर यहां पहुंचा जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि यह वह स्थान है जहां हनुमान जी एक गुफा में रहकर अयोध्या नगर की रक्षा करते थे। इस मंदिर में हनुमान जी की एक सोने की प्रतिमा स्थापित है। हनुमानगढ़ी मंदिर के खुलने का समय सुबह 4 बजे से रात 10 तक है। राम मंदिर से इसकी दूरी 500 मीटर।
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कनक भवनकनक भवन का निर्माण टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) की रानी वृषभानु कुंवरि ने साल 1891 में करवाया था।माता सीता और प्रभु राम के साथ उनके तीनों भाईयों की मूर्तियां यहां स्थापित हैं। इसके खुलने का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक और शाम 4:30 से रात्रि 9:30 तक। राम मंदिर से कनक भवन की दूरी 500 मीटर है।
दशरथ महल
इस महल का निर्माण राजा दशरथ ने कराया था। यहां प्रभु राम की मूर्ति स्थापित है। माता सीता, लक्ष्मण और भरत की भी मूर्तियां हैं। यह मंदिर सुबह 6 बजे से दिन के 12 बजे तक और शाम 5 बजे से रात के 9 बजे तक खुला रहता है। राममंदिर से इसकी दूरी 700 मीटर है।
इस महल का निर्माण राजा दशरथ ने कराया था। यहां प्रभु राम की मूर्ति स्थापित है। माता सीता, लक्ष्मण और भरत की भी मूर्तियां हैं। यह मंदिर सुबह 6 बजे से दिन के 12 बजे तक और शाम 5 बजे से रात के 9 बजे तक खुला रहता है। राममंदिर से इसकी दूरी 700 मीटर है।
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श्री नागेश्वर नाथ मंदिरभगवान नागेश्वर नाथ जी अयोध्या के प्रमुख मुखिया माने जाते हैं। प्रभु राम के पुत्र कुश ने भगवान भोले शंकर को समर्पित इस मंदिर का निर्माण करवाया था। यहां स्थापित शिवलिंग को बहुत ही प्राचीन काल का माना जाता है। मंदिर का मौजूदा भवन 1750 ईस्वी में निर्मित हुआ था। इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 4 बजे से रात्रि 10 तक है। राम मंदिर से इसकी दूरी एक किलोमीटर है।
छोटी देवकाली मंदिर
श्रृंगार हाट में स्थित छोटी देवकाली मंदिर का संबंध हिन्दू महाकाव्य महाभारत की अनेकों कथाओं है। किवदंतियों के अनुसार माता सीता अयोध्या में प्रभु राम के साथ अपने विवाह के बाद देवी गिरिजा की मूर्ति के साथ आईं थी। ऐसा माना जाता है कि राजा दशरथ ने इस सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया और इस मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया था। मौजूदा समय में यह देवी देवकाली को समर्पित है। इसी कारण इसका यह नाम देवकाली पड़ा। राममंदिर से इसकी दूरी करीब एक किलोमीटर है।
श्रृंगार हाट में स्थित छोटी देवकाली मंदिर का संबंध हिन्दू महाकाव्य महाभारत की अनेकों कथाओं है। किवदंतियों के अनुसार माता सीता अयोध्या में प्रभु राम के साथ अपने विवाह के बाद देवी गिरिजा की मूर्ति के साथ आईं थी। ऐसा माना जाता है कि राजा दशरथ ने इस सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया और इस मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया था। मौजूदा समय में यह देवी देवकाली को समर्पित है। इसी कारण इसका यह नाम देवकाली पड़ा। राममंदिर से इसकी दूरी करीब एक किलोमीटर है।
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अयोध्या में जैन मंदिरअयोध्या केवल भगवान राम का जन्मस्थान ही नहीं बल्कि जैन धर्म को मानने वालों के लिए भी एक प्रमुख स्थान है। ऐसा माना जाता है कि यहां पर 5 जैन तीर्थंकरों ने जन्म लिया है। स्वर्गद्वार के पास भगवान आदिनाथ का मंदिर, गोला घाट के पास भगवान अनंतनाथ का मंदिर, रामकोट में भगवान सुमन नाथ का मंदिर , सप्तसागर के पास भगवान अजीत नाथ का मंदिर और सराय में भगवान अभिनंदन नाथ का मंदिर दर्शनीय है। रायगंज क्षेत्र में यह विशाल जैन मंदिर स्थापित है। इसमें प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ (ऋषभदेव जी) की 21 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। राम मंदिर से इसकी दूरी करीब एक किलोमीटर है।