गौरतलब है कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर की लकड़ी से राम मंदिर के दरवाजों का निर्माण किया गया है। इस लकड़ी की खास बात है कि इनमें वर्षों तक किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या नहीं आ सकती है।इन दरवाजों को बनाने के लिए चेन्नई से कारीगर भी आए थे।
गौरतलब है कि मंदिर के भूतल में 18 दरवाजे लगाए गए हैं जिसमें गर्भगृह के दरवाजे को स्वर्ण जड़ित किया गया है। इसी तरह प्रथम तल पर विराजित होने वाले राजाराम के दरवाजे को भी स्वर्ण जड़ित किए जाने की तैयारी तेजी के साथ चल रही है। इतना ही नहीं प्रथम और दूसरे तल के दरवाजे तीन अलग-अलग डिजाइन के बनाए जाएंगे। इन दरवाजों का निर्माण हैदराबाद की एक एजेंसी के कारीगर कर रहे हैं। लगभग 20 से ज्यादा कारीगर इन दरवाजे के निर्माण और और डिजाइन में लगे हुए हैं।इन दरवाजों का निर्माण भी अयोध्या स्थित रामसेवक पुरम में किया जा रहा है ।
राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि प्रभु राम बीते 22 जनवरी को अपने भव्य महल में विराजमान हो गए हैं। प्रभु राम के विराजमान होने के बाद अब संपूर्ण मंदिर का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है। मंदिर के दरवाजे बनाए जा रहे हैं मंदिर के प्रथम तल और दूसरे तल का निर्माण भी तेजी के साथ पूरा हो रहा है।